सुप्रीम कोर्ट: सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग को प्रस्तुत किया जाना चाहिए अभिवेदन

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चुनाव आयोग (ईसीआई) की इस दलील पर गौर किया कि वह मतदान केंद्रवार मतदाता मतदान डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की मांग पर विचार-विमर्श करने को तैयार है और याचिकाकर्ताओं से 10 दिनों में चुनाव आयोग के समक्ष अभ्यावेदन देने को कहा। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ क्रमशः टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा 2019 में दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

जनहित याचिकाओं में चुनाव आयोग को यह निर्देश देने की मांग की गई है कि वह लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान समाप्त होने के 48 घंटे के भीतर मतदान केन्द्रवार मतदाता मतदान के आंकड़े अपनी वेबसाइट पर अपलोड करे।

चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उनसे मिलकर शिकायत पर चर्चा करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, अब नए मुख्य चुनाव आयुक्त हैं। याचिकाकर्ता उनसे मिल सकते हैं और इस पर विचार किया जा सकता है।

तब सीजेआई ने कहा, इस बीच, चुनाव आयोग के वकील ने कहा है कि याचिकाकर्ता (एनजीओ और सांसद) चुनाव आयोग के समक्ष अपना अभिवेदन दाखिल कर सकते हैं और चुनाव आयोग उनकी सुनवाई करेगा और इस बारे में पहले से सूचित करेगा। अभिवेदन 10 दिनों में पेश किया जाए।

अदालत ने सुनवाई 28 जुलाई के लिए स्थगित कर दी। पिछले साल 17 मई को शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से याचिकाओं पर जवाब मांगा था, जिसके बाद चुनाव आयोग ने एनजीओ की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि इससे चुनावी माहौल खराब होगा और आम चुनावों के बीच चुनाव मशीनरी में अराजकता पैदा होगी।