अमेरिका के कुछ लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर पाया गया कई गुना अधिक, कोरोना के सभी वैरिएंट को दे सकती हैं मात

कोरोना को मात देने के लिए दुनियाभर में वैक्सीनेशन किया जा रहा हैं। लेकिन इस बीच लगातार मिल रहे कोरोना के विभिन्न वैरिएंट को देखते हुए आशंका जताई जा रही हैं कि क्या वैक्सीन सभी वैरिएंट पर प्रभावी हैं। इस बीच अमेरिका से एक अच्छी खबर सामने आ रही हैं जहां कुछ लोगों में सुपर ह्यूमन एंटीबॉडीज मिली अर्थात कुछ लोगों में एंटीबॉडीज का स्तर कई गुना अधिक पाया गया जो कोरोना के सभी वैरिएंट को मात दे सकती हैं या न्यूट्रलाइज कर सकती है। खासकर एमआरएनए आधारित फाइजर और मॉडर्ना का टीका जिन्हें लगा उनमें एंटीबॉडीज का स्तर कई गुना अधिक पाया गया है।

रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता और वायरोलॉजिस्ट प्रो. पॉल बेनआसाज का कहना है कि संक्रमण की चपेट में आए कुछ लोगों को टीका लगने पर उनमें एंटीबॉडीज का स्तर अन्य की तुलना में अधिक पाया जा रहा है। वैज्ञानिक भाषा में एंटीबॉडीज के इस स्तर को सुपर ह्यूमन एंटीबॉडीज कहते हैं, जो दुश्मन के सभी घातक रूपों को निष्क्रिय कर सकती है। इम्युनोलॉजिस्ट प्रो. शेन क्रॉटी का कहना है कि वायरस के खिलाफ जिन लोगों में सुपर ह्यूमन इम्युनिटी बनी है उनका वायरस कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। अब देखना है कि सुपर ह्यूमन एंटीबॉडीज किस तरह के लोगों में विकसित हो रही है और इसका प्रमुख कारण क्या है।

रॉकफेलर यूनिवर्सिटी की वैज्ञानिक प्रो. थियोदोरा हात्जीओनो का कहना है कि ये सुपर ह्यूमन एंटीबॉडीज कोरोना को ही नहीं बीस साल पहले साॅर्स-सीओवी-1 को भी मात दे सकती है। मौजूदा वायरस इसकी तुलना में अलग और खतरनाक था। ये राहत की बात है।