
नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की लैंडिंग को लेकर एक नई चुनौती सामने आई है, क्योंकि उनका स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी की ओर लौट चुका है। हालांकि, सुनीता की लैंडिंग आसान नहीं होगी। अगर स्पेसक्राफ्ट की एंगल में कोई भी मामूली बदलाव हुआ, तो उसकी गति में बदलाव होगा, और इससे घर्षण उत्पन्न होगा, जो स्पेसक्राफ्ट को आग का गोला बना सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जब स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करता है, तो इसे 'री-एंट्री' कहा जाता है, जो अंतरिक्ष यात्रा का सबसे जोखिम भरा क्षण होता है। इस दौरान स्पेसक्राफ्ट की गति कम होने लगती है और यदि एंगल में बदलाव होता है, तो घर्षण के कारण अत्यधिक तापमान उत्पन्न हो सकता है। कहा जा रहा है कि इस दौरान स्पेसक्राफ्ट का तापमान 1500 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है, जो उसे जलने का कारण बन सकता है, और अंतरिक्ष यात्री की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
स्पेसक्राफ्ट की पृथ्वी पर लैंडिंग को लेकर यह समय बहुत ही कठिन माना जाता है, क्योंकि अंतरिक्ष में ड्रैगन कैप्सूल की न्यूनतम गति 28,000 किमी/घंटा होती है, और जैसे-जैसे स्पेसक्राफ्ट का गति घटती है, इसकी घर्षण क्षमता बढ़ जाती है, जिससे अत्यधिक गर्मी उत्पन्न होती है। हालांकि, अगर यह पृथ्वी के वायुमंडल को पार कर लेता है, तो समुंदर में सुरक्षित लैंडिंग संभव हो सकती है।
लेकिन ड्रैगन के पास ऐसे चार सुरक्षित फीचर्स हैं जो इसे सुरक्षित बनाते हैं: लॉन्च अबॉर्ट सिस्टम - यह सिस्टम रॉकेट से क्रू को अलग करने में मदद करता है, यदि कुछ गड़बड़ी हो।
थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम - यह सिस्टम री-एंट्री के समय गर्मी से बचाने में मदद करता है।
ऑटोनॉमस ऑपरेशन - यह स्पेसक्राफ्ट खुद काम करता है, और इसमें कैमरे, GPS, और रडार जैसी तकनीकी सुविधाएं हैं।
सूट-सीट सिस्टम - यह आग से बचने के लिए कारगर होता है, जो गर्मी को कम करता है और क्रू की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।