छत्तीसगढ़ : 250 नक्सलियों ने घात लगाकर किया 700 जवानों पर हमला, 30 जवान शहीद होने की आशंका

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में शनिवार को 700 जवानों पर नक्सलियों ने घेरकर हमला कर दिया। जवानों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 22 जवान शहीद हुए हैं। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने आशंका जाहिर की है कि ये संख्या 30 हो सकती है।

दरअसल, 2 अप्रैल को कोबरा बटालियन, सीआरपीएफ, एसटीएफ और डीआरजी ने नक्सलियों के खिलाफ जॉइंट ऑपरेशन शुरू किया था। सुरक्षा बलों को बड़ी संख्या में नक्सलियों के इलाके में छिपे होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के पामेड, तर्रेम, उसूर, मिनपा, नरसापुर में संयुक्त ऑपरेशन शुरू किया गया था। शनिवार को दोपहर करीब 3 बजे घात लगाए बैठे करीब 250 से ज्यादा नक्सलियों ने सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर जवानों पर हमला कर दिया। तर्रेम कैंप से करीब 15 किमी की दूरी पर सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच एनकाउंटर हुआ। तीन घंटे चली मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गए हैं। करीब 30 जवान घायल हुए हैं। मुठभेड़ के बाद 21 जवान लापता हैं। जिस इलाके में मुठभेड़ हुई है, वह नक्सलियों की फर्स्ट बटालियन का कार्यक्षेत्र है। 20 दिन पहले UAV की तस्वीरों से यहां बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।

नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों की खबर मिलने के बाद ही ऑपरेशन शुरू किया गया था। सभी जवान पूरी तैयारी के साथ वहां पहुंचे थे। जवानों ने बहादुरी के साथ नक्सलियों के साथ लोहा लिया और शहादत दी। बताया जा रहा है कि नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन का नेतृत्व हिडमा नाम का कमांडर कर रहा था। नक्सलियों की कई बटालियनों ने मिलकर जवानों पर धावा बोल दिया।

CRPF के एडीडीपी ऑपरेशंस जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार व CRPF के पूर्व डीजीपी के विजय कुमार और मौजूदा आईजी ऑपरेशंस पिछले 20 दिनों से जगदलपुर, रायपुर व बीजापुर के क्षेत्रों खुद मौजूद हैं। इसके बावजूद इतनी बड़ी संख्या में जवानों का शहीद होना पूरी ऑपरेशनल प्लानिंग पर सवाल खड़े कर रहा है।