राजस्थान सरकार ने दी कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को राहत, माफ़ किया गया 9वीं से 12वीं विद्यार्थी का कोष शुल्क

कोरोना ने अपना कहर ढाते हुए कई लोगों की जान ली हैं और कई बच्चों के सिर से मां-बाप का साया छिन गया। ऐसे में कई बच्चों को आर्थिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा हैं। ऐसे में राजस्थान सरकार ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को राहत देते हुए 9वीं से 12वीं कक्षा तक के ऐसे करीब 5 हजार छात्रों का विद्यार्थी कोष शुल्क और विकास शुल्क माफ कर दिया गया है। शुक्रवार शाम शिक्षा विभाग के इसका आदेश जारी किया है। कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों से विद्यार्थी विकास कोष के तहत 200 रुपए और विकास शुल्क के तहत 250 रुपए वार्षिक लिए जाते हैं। 11वीं से 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों से विद्यार्थी विकास कोष के तहत 300 रुपए और विकास शुल्क के तहत 250 रुपए लिए जाते थे। इसे प्रदेश के अनाथ बच्चों के लिए पूरी तरह माफ कर दिया गया है।

इससे पहले सरकार ने कोरोना में बेसहारा हुए लोगों के लिए सहायता पैकेज की घोषणा की थी। जिन बच्चों के माता-पिता का निधन कोरोना बीमारी से हुआ है, उन्हें पहली बार में एक लाख की आर्थिक सहायता और फिर प्रतिमाह 2500 रुपए की मदद देने का फैसला हुआ था। इसके साथ ही इन बच्चों की 18 साल की उम्र पूरी होने पर एकमुश्त 5 लाख की मदद भी दी जाएगी। इन बच्चों की 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई आवासीय स्कूल में फ्री करवाई जाएगी।

पति की मौत के बाद महिलाओं को एक लाख की सहायता व पेंशन

बेरोजगार युवाओं को भत्ता भी दिया जाएगा। कोरोना से जिन महिलाओं के पति की मौत हुई है, उन्हें एकमुश्त 1 लाख की आर्थिक सहायता देने के साथ ही प्रतिमाह 1500 की पेंशन दी जाएगी। ये पेंशन सभी उम्र की विधवा महिलाओं को मिल सकेगी। इन विधवाओं के यदि बच्चे हैं, तो उनके लिए अलग से 1000 रुपए की सहायता हर महीने दी जाएगी। इन बच्चों को ड्रेस खरीदने के लिए सालाना 2000 रुपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।