
तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में हैं। इस बार वजह कुछ अजीब और असामान्य है। अल्बानिया में आयोजित यूरोपीय पॉलिटिकल कम्युनिटी (EPC) समिट के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बातचीत में उन्होंने उनकी मिडिल फिंगर पकड़ ली और उसे लंबे समय तक पकड़े रखा। यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो पर मजेदार प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोगों ने अंदाजा लगाया कि एर्दोगन शायद मैक्रों को उंगली पकड़ कर अपनी शक्ति का संदेश देना चाह रहे थे। वीडियो में दिखता है कि एर्दोगन पहले मैक्रों का हाथ पकड़ते हैं और उसे सहलाते हैं। इसके बाद जब मैक्रों दूसरा हाथ उनकी ओर बढ़ाते हैं, तो एर्दोगन उनकी उंगली कसकर पकड़ लेते हैं।
मैक्रों असहज, एर्दोगन बने रहे जमे-जमाएकरीब 13 सेकेंड तक एर्दोगन मैक्रों की इंडेक्स फिंगर पकड़े रहते हैं। इस दौरान मैक्रों असहज नजर आते हैं और बातचीत के दौरान अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन एर्दोगन आराम से बैठे रहते हैं और उंगली नहीं छोड़ते। थोड़ी देर बाद ही सही, एर्दोगन अंततः उंगली छोड़ देते हैं। लेकिन तब तक यह वीडियो वायरल हो चुका था और लोगों की दिलचस्पी एर्दोगन के हावभाव और इस अजीब हरकत पर टिक गई थी।
तुर्किए की मीडिया ने दिया मनोवैज्ञानिक स्पष्टीकरणतुर्किए के एक मीडिया चैनल ने इस घटनाक्रम का विश्लेषण करते हुए बताया कि मैक्रों ने एर्दोगन के कंधे पर हाथ रखकर एक तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की कोशिश की थी। इसके जवाब में एर्दोगन ने उनकी उंगली जोर से पकड़ ली, मानो यह जताना हो कि वह इस तरह के इशारों को स्वीकार नहीं करते। रिपोर्ट में दावा किया गया कि एर्दोगन की यह प्रतिक्रिया खुद को कमजोर न दिखाने की एक रणनीति थी।
EPC शिखर सम्मेलन में कई अनोखे पलगौरतलब है कि EPC समिट में 47 देशों के नेता शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य यूरोप में क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ाना था, लेकिन यह घटना समिट के दौरान हुए सबसे चर्चा में रहने वाले पलों में से एक बन गई है।