राफेल : SC के फैसले पर बोले अनिल अंबानी कहा - मेरे खिलाफ सारे आरोप राजनीति से प्रेरित

राफेल डील मामले में रिलायंस ADAG ग्रुप प्रमुख अनिल अंबानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत और कहा कि हम राष्ट्र सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल पर अभी तक दाखिल सभी पीआईएल को खारिज कर दिया है और हम इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि रिलायंस ग्रुप और मेरे खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए थे सभी आधारहीन और राजनीति से प्रेरित थे।

अंबानी ने एक वक्तव्य में कहा, 'मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट के राफेल सौदे को लेकर दायर की गई जनहित याचिकाओं को खारिज करने के आज के फैसले का स्वागत करता हूं। इससे यह साबित हो गया कि निजी तौर पर मुझ पर और रिलायंस समूह पर लगाए गए आरोप पूरी तरह से मिथ्या, बेबुनियाद और राजनीति से प्रेरित थे।’ उन्होंने कहा, ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और दसाल्ट एविएशन ऑफ फ्रांस के साथ ऑफसेट समझौते समेत रक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्र में सरकार की मेक इन इंडिया और स्किल इंडिया नीतियों के प्रति योगदान देने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं।’

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद के मामले में शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी। कोर्ट ने कहा कि राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर शक करने की कोई वजह नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी।

देश के प्रधान न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, पसंद का ऑफसेट पार्टनर चुने जाने में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है, और व्यक्तिगत सोच के आधार पर रक्षा खरीद जैसे संवेदनशील मामलों में जांच नहीं करवाई जा सकती। हम सरकार को 126 विमान खरीदने पर बाध्य नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमें ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली, जिससे लगे कि कमर्शियल तरीके से किसी खास कंपनी को लाभ दिया गया..."सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रक्रिया पर संदेह करने का अवसर नहीं है... कोई भी देश पूरी तैयारी के बिना रहने का खतरा नहीं उठा सकता... यह कोर्ट के लिए सही नहीं होगा, यदि वह अपील प्राधिकरण की तरह सभी पहलुओं की जांच करने बैठ जाए..." मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है। हमें 4th और 5th जनरेशन के विमानों की ज़रूरत है। जो हमारे पास नहीं है। विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया सही।हमने राष्ट्रीय सुरक्षा और सौदे के नियम कायदे दोनों को जजमेंट लिखते समय ध्यान में रखा है। केंद्र ने सुनवाई में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और उसके फायदे के बारे में कोर्ट को सीलबंद दो लिफाफों में रिपोर्ट सौंपी थी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हमने राफेल की कीमत की जानकारी साझा कर दी है, लेकिन इसको रिव्यू करना एक्सपर्ट का काम है। इसको न्यायपालिका रिव्यू नहीं कर सकती है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर

बता दें कि लंबे समय से राफेल सौदे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। इससे पहले भी रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के प्रमुख अनिल अंबानी ने कहा था कि पूरे मामले में सच्चाई की जीत होगी।

कांग्रेस लगातार इस मामले में आरोप लगाती आ रही है कि कथित तौर पर इस डील से अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाया गया और डील को पहले के मुकाबले महंगा कर दिया गया। मौजूदा सरकार राफेल विमानों के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में तय कीमत से कहीं अधिक मूल्य चुका रही हैं। सरकार ने इस सौदे में बदलाव सिर्फ 'एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए' किया है।

अंबानी ने कहा था कि सचाई की जीत होगी

तब अंबानी ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को आधारहीन और दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए अंबानी ने कहा था कि सचाई की जीत होगी। जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वह दुर्भावनापूर्ण, निहित स्वार्थ और कंपनी प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित है।