प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए एक्शन में आई योगी सरकार, UP में बनाई ये पॉलिसी

पूरे देश में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं। यूपी के कई शहरों में प्याज 80 रुपये तक बिक रही है। प्याज पर आई इस महंगाई को काबू में करने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्याज बेचने के लिए एक पॉलिसी बनाई है। जिसके तहत कुछ दिन स्टॉक की छूट है तो फिर नियमानुसार प्याज का स्टॉक रखना होगा। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि जो भी कारोबारी ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा सहकारी नैफेड ने 20 नवंबर तक 15,000 टन लाल प्याज की आपूर्ति के लिए शनिवार को आयातकों से बोलियां आमंत्रित की।

आयातक अपनी बोलियां चार नवंबर तक जमा करा सकते हैं। देश में प्याज की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए नैफेड ने यह टेंडर निकाली है। नैफेड सरकार के कहने पर प्याज का बफर स्टॉक रखता है, लेकिन अब वह धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने नैफेड से घरेलू बाजार में आपूर्ति बनाए रखने के लिए कहा है, ताकि बाजार में हस्तक्षेप किया जा सके।

नैफेड अपने एक लाख टन के बफर स्टॉक में से अभी तक बाजार में करीब 37,000 टन प्याज की आपूर्ति कर चुका है। ताकि कीमतों को नियंत्रित किया जा सके। उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने 30 अक्टूबर को कहा था कि 7,000 टन प्याज का आयात किया जा चुका है, जबकि 25,000 टन और प्याज के दिवाली से पहले आने का अनुमान है। सरकार द्वारा किसान रेल के जरिए प्याज को देश के हर कोने तक पहुंचाया जा रहा है।

तीन दिन तक इसलिए रख सकते हैं कितनी भी प्याज


सीएम योगी ने पॉलिसी लागू करते हुए प्याज कारोबारियों को कुछ राहत भी दी है। उनका कहना है कि स्टॉक लिमिट लागू करने से पहले व्यापारियों को तीन दिन का समय दिया जाएगा। व्यापारियों को छंटाई और पैकिंग का काम तीन दिन में पूरा कर लेना होगा। इस दौरान स्टॉक की कोई लिमिट नहीं होगी। लेकिन इसके बाद स्टॉक की सीमा लागू हो जाएगी। इसके मुताबिक खुदरा व्यापारी दो मीट्रिक टन तक और थोक व्यापारी अधिकतम 25 मीट्रिक टन तक प्याज रख सकते हैं। यह सीमा दिसंबर अंत तक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंगलवार रात को ट्वीट कर यह जानकारी दी है।

नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित नहीं रहेगा

सीएम योगी ने प्याज की स्टॉक लिमिट के बारे में जानकारी देते हुए यह भी चेतावनी दी है कि यह नियम सिर्फ कागजों तक ही सीमित नहीं रहेगा। इस पॉलिसी के तहत जमाखोरों पर शिकंजा कसा जाएगा। प्रदेश के कुछ जनपदों में प्याज की कीमतों में अचानक आई तेजी को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। जल्द ही इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।