तालिबान ने जारी किया फरमान - काम पर लौटें सरकारी स्टाफ, किसी को कुछ नहीं कहा जाएगा

अफगानिस्तान पर पूरी तरह कब्जा करने के बाद वहां तालिबान का खौफ नजर आ रहा है। देश छोड़ने के लिए एयरपोर्ट से लेकर हर जगह भगदड़ मची है। हालाकि, मंगलवार को तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल में सभी सरकारी कर्मचारियों को काम पर लौटने का फरमान सुनाया है। तालिबान ने सभी सरकारी कर्मचारियों को ‘आम माफी’ देने का ऐलान किया। तालिबान ने बयान में कहा, 'सभी के लिए आम माफी का ऐलान किया जा रहा है…ऐसे में आप अपनी रूटीन लाइफ पूरे विश्‍वास के साथ शुरू कर सकते हैं।' तालिबान ने कहा कि किसी भी सरकारी कर्मचारी को डरने की जरूरत नहीं हैं। आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। सभी काम पर लौट आएं, किसी को कुछ नहीं कहा जाएगा।

तालिबान के खौफ से पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने वर्दी उतार दी है। वे अपने घर छोड़कर अंडरग्राउंड हो गए हैं। तालिबान ने कर्मचारियों, पुलिस और सैन्य अफसरों, पत्रकारों और विदेशी NGO से जुड़े लोगों की तलाश में डोर-टू-डोर सर्च शुरू कर दिया है। काबुल में अफगान सुरक्षाबलों के अब दस्ते नहीं बचे हैं।

काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद से अफगानिस्तान में भारी तबाही, तालिबान ने अफगानिस्तान में शरिया कानून लागू कर इसे इस्लामिक अमीरात बनाना चाहता है। औरतों की बंदिशें और कत्ले आम वाला दौर फिर लौट आया है। तालिबान ने महिलाओं पर पाबंदियां लगानी शुरू कर दी हैं। लड़कियों के पढ़ने-लिखे, स्कूल-कॉलेज जाने और महिलाओं के दफ्तर जाने पर रोक लगा दी है। बिना पुरुष के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई है। औरतों का बुर्का पहनना जरूरी कर दिया गया है। तालिबान का फरमान नहीं मानने पर कड़ी सजा भी दी जा रही है।

महिलाएं आजादी की मांग कर रही है

अफगानिस्तान की महिलाएं आजादी मांग रही हैं और अपना दर्द साझा कर रही हैं। अफगानिस्तान की फैशन फोटोग्राफर फातिमा कहती हैं कि अफगानी महिलाएं दुनिया की सबसे स्टाइलिश औरतों में से मानी जाती हैं, लेकिन तालिबान के लौटने से उन्हें फिर से बुर्के में लौटना पड़ रहा है।

22 साल की आयशा काबुल यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशंस का कोर्स कर रही हैं। वे कहती हैं, 'मेरे फाइनल सेमेस्टर पूरा होने में महज दो महीने ही बाकी रह गए हैं, लेकिन अब शायद मैं कभी ग्रेजुएट नहीं हो पाऊंगी।'

स्कूल-कॉलेज बंद, बुर्के की दुकानें खुली

यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली 26 साल की हबीबा कहती हैं कि तालिबान ने स्कूल-कॉलेज बंद करवा दिए हैं, लेकिन बुर्के की दुकानें खुल रही हैं। इनमें भी मोटे कपड़े वाले ऐसे बुर्के की मांग सबसे ज्यादा है, जो महिलाओं को पूरी तरह ढंक देता हो। मेरी मां मिन्नतें कर रही हैं कि मैं और मेरी बहन बुर्का पहनना शुरू कर दें।

मां को लगता है कि वे हमें बुर्का पहनाकर तालिबान से बचा लेंगी, लेकिन हमारे घर में बुर्का है ही नहीं और न ही मैं बुर्का खरीदना चाहती हूं। बुर्का पहनने का मतलब होगा कि मैंने तालिबान की सत्ता को स्वीकार कर लिया है कि मैंने उन्हें खुद को कंट्रोल करने का अधिकार दे दिया है। मुझे डर है कि जिन उपलब्धियों के लिए मैंने इतनी मेहनत की वो सब मुझसे छिन जाएंगी।

अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बीती रात बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में हालात अचानक बदल गए। इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ा है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। बाइडन ने तालिबान को चेतावनी भी दी है कि अगर अमेरिकियों को नुकसान पहुंचाया तो तेजी से जवाब दिया जाएगा।