बौखलाया हुआ विपक्ष अराजकता फैलाना चाहता है: स्‍मृति ईरानी

कृषि कानून के विरोध में आज किसानों ने भारत बंद बुलाया गया, किसानों ने सुबह 11 से दोपहर 3 बजे तक चक्का जाम किया और कल यानि बुधवार को केंद्र सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की वार्ता होगी। लेकिन इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने आज शाम 7 बजे किसानों को मिलने के लिए बुलाया है। भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने ये जानकारी दी है।​​​ ये मुलाकात तब हो रही है जब बुधवार यानी कल किसान नेताओं और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत होनी है।​​​ टिकैत ने कहा, 'हम अभी सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं, वहां से गृह मंत्री से मीटिंग के लिए रवाना होंगे।' शाह पहली बार मंगलवार को सीधे किसानों से बात करेंगे।

अराजकता फैलाना चाहता है विपक्ष: स्‍मृति ईरानी

उधर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, 'बौखलाया हुआ विपक्ष जो वोट के माध्यम से जनता का समर्थन प्राप्त नहीं कर पाया, वो आज कानून-व्यवस्था को भंग करने पर उतारू हो चुका है, ताकि वो अपनी राजनीति चमका सके। कहीं न कहीं राजनीतिक दखल है कि अराजकता फैले।'

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'नए कृषि सुधार कानूनों से आएगी किसानों के जीवन में समृद्धि! विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बचें। MSP और मंडियां भी जारी रहेगी और किसान अपनी फसल अपनी मर्जी से कहीं भी बेच सकेंगे।'

जावड़ेकर ने विपक्ष को बताया 'ढोंगी'

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को कहा, 'कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में इन कृषि कानूनों का उल्‍लेख किया । इन कानूनों की वापसी की मांग करने वाला विपक्ष ढोंगी है। अपनी सत्‍ता के दौरान उन्‍होंने कॉन्ट्रैक्‍ट कृषि कानूनों को पारित किया था, इस तरह की पेशकश कभी नहीं की।' उन्‍होंने आगे कहा, 'किसानों ने लागत के अतिरिक्त लाभ की मांग की थी और हम उन्हें पहले ही लागत से 50 फीसद अधिक दे रहे हैं।'

लोगों को गुमराह करना विपक्ष का काम

केंद्रीय मंत्री मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा, 'हर चीज परलोगों को गुमराह करना, देश की छवि को खराब करने की साजिश करना विपक्षी दलों का पुराना तरीका रहा है। अपने शासन काल में कांग्रेस, NCP, अकाली दल, लेफ्ट पार्टियां इस तरह के विधेयकों का सीना ठोक कर समर्थन करती रही हैं।'

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने देश में जारी किसान आंदोलन पर विदेशों के दखलंदाजी पर सवाल उठाया और कहा, 'जिस तरह से इंग्लैंड के सांसदों, कनाडा के प्रधानमंत्री ने आतंरिक हस्तक्षेप किया, इस पर विपक्ष की ज़ुबान क्यों बंद है?'

छत्‍तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'तीन काले क़ानून जिसे बीजेपी किसानों के हितैषी क़ानून बताती है, यह पूंजीपतियों के लाभ के लिए बनाए गए हैं। मंडी एक्ट, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग और आवश्यक वस्तु अधिनियम को विलोपित करने के लिए ये तीन क़ानून हैं, यह 62 करोड़ से ज़्यादा किसानों के खिलाफ हैं।'

तीनों कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए: सचिन पायलट

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, '24 राजनीतिक पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर रही हैं। कोई नहीं चाहता कि लोगों को असुविधा हो। सरकार को अहंकार का रास्ता छोड़कर हमारा पेट पालने वाले किसानों की बात माननी चाहिए और इन तीनों कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए।'

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, 'भाजपा वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को कुछ नहीं कहते, क्योंकि वो उनके(BJP) साथ मिलकर किसानों को देश विरोधी बता रहे हैं। कल जब अरविंद केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर गए थे, उसके बाद से BJP बुरी तरह घबरा गई है, भाजपा नेताओं ने उसके बाद से अरविंद केजरीवाल को हाउस अरेस्ट कर रखा है। उन्‍हें डर है कि कहीं अरविंद केजरीवाल किसानों के समर्थन में सड़क पर न निकल आएं।'

किसानों से खुद बात करें पीएम

शिवसेना पार्टी के नेता संजय राउत ने कहा, 'दिमाग की बात छोड़ दीजिए, अगर सरकार के पास दिल है तो प्रधानमंत्री या गृह मंत्री खुद जाकर उनसे (किसानों) बात करेंगे और उनको समझाएंगे।' कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, 'सरकार को समझ लेना चाहिए कि उन्‍हें इन कानूनों को वापस लेना ही होगा।'

बता दे, कृषि कानून के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों के किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 13 दिनों से डटे हुए हैं।​​​ किसान लगातार कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं और इसको लेकर सरकार के साथ अबतक पांच राउंड की बात हो गई है।​​​ किसानों ने पहले ही भारत बंद का आह्वान किया था लेकिन 9 दिसंबर को होने वाली सरकार के साथ वार्ता में शामिल होने की सहमति भी जताई थी।​​​

किसानों ने 11 बजे से 3 बजे तक चक्काजाम का ऐलान किया था। दिल्ली-UP बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी तय समय पर सड़कों से हट गए। सुबह जो 2 लेन बंद की गई थीं, उन्हें भी खोल दिया गया।