कहीं आप भी बोरियत मिटाने के लिए तो नहीं खेलते स्मार्टफोन पर गेम, दे रहे हैं इन समस्याओं को बुलावा!

आजकल देखा जाता हैं कि हर कोई अपना खाली समय स्मार्टफोन में गुजारना पसंद करता हैं और अपनी बोरियत को मिटाने के लिए स्मार्टफोन पर गेम खेलते नजर आता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्मार्टफोन गेमिंग उन लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है जो अपने नकारात्मक मूड और बोरियत की भावनाओं से बचने के लिए गेम खेलते हैं। इससे जुड़ा एक अध्ययन कंप्यूटर इन ह्यूमन बिहेवियर पत्रिका में प्रकाशित किया गया हैं जिसके अनुसार जो लोग बोरियत मिटाने के लिए गेम खेलते हैं वे रोजमर्रा के खिलाड़ियों की तुलना में इन खेलों में ज्यादा डूब जाते हैं। शोध के प्रमुख लेखक लार्चे ने पाया कि ऐसे लोगों में कौशल चुनौती संतुलन, कम प्रवाह और संतुलन की कमी देखी गई।

वाटरलू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि ऊबे हुए लोग जो वास्तविक माहौल में जुड़ने और ध्यान लगाने में कठिनाई महसूस करते हैं वे अक्सर हालात से भागने के लिए गेमिंग में प्रवाह की तलाश करते हैं। लेकिन इसमें भी उन्हें जागरूकता के बजाय बहुत ज्यादा कुछ हासिल नहीं होता है।

वाटरलू में संज्ञानात्मक तंत्रिका विज्ञान में शोध के प्रमुख लेखक और पीएचडी विद्वान चैनल लार्चे ने कहा, हमने पाया कि जो लोग रोजमर्रा की जिंदगी में अक्सर तीव्र ऊब का अनुभव करते हैं, वे बोरियत से बचने के लिए स्मार्टफोन गेम खेलते हैं। ये लोग खेल से ऊबने पर खेल बंद कर देते हैं और अत्यधिक गेमिंग से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इन लोगों में ध्यान और एकरसता की भावनाओं में कमी पाई जाती है।