मुंबई के जिस अस्पताल में आग लगी वह दो सप्ताह पहले फायर सेफ्टी टेस्ट में हुआ था फेल, 8 लोगों की हुई मौत

मुंबई के अंधेरी में स्थित ईएसआईसी (ESIC) कामगार अस्‍पताल में सोमवार रात को लगी आग से 8 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में छह महीने का बच्चा भी है। वहीं, हादसे में 147 लोग झुलस गए हैं। घायलों में ज्यादातर मरीज और कर्मचारी हैं। उन्हें मुंबई के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जानकारी के मुताबिक, मृतकों में तीन की मौत सेवन हिल्स अस्पताल में हुई, तो वहीं दो की मौत कॉपर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। इस हादसे में एक दो महीने के बच्चे की भी मौत हो गई। आग से जख्मी हुए कई लोगों की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। एक महिला की मौत बचाव कार्य के दौरान क्रेन से गिरने से हो गई, जबकि ज्यादात्तर की मौत दम घुटने से हुई है। एक अधिकारी ने बताया कि अंधेरी के मारोल में स्थित ईएसआईसी कामगर अस्पताल में आग लगने की सूचना सोमवार शाम करीब चार बजे मिली थी।

वहीं एक अधिकारी ने एक मीडिया ग्रुप को बताया कि दो सप्ताह पहले ही अस्पताल फायर सेफ्टी टेस्ट में फेल हो गया था। अस्पताल के फायर सेफ्टी ऑडिट की दोबारा से जांच की जाएगी। आग की जानकारी मिलने के बाद अग्निशमन विभाग ने दस गाड़ियां मौके पर भेजकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। इसके अलावा वहां एंबुलेंस भी मौजूद थीं। अधिकारियों ने बताया कि कुछ लोगों के अभी भी फंसे होने का अंदेशा है। राहत और बचाव अभियान जारी है। आग शाम करीब सवा चार बजे लगी। आग लगने का कारण शॉट सर्किट हो सकता है। यह आग एमआईडीसी इलाके स्थित पांच मंजिला इमारत की ऊपरी मंजिल पर लगी। यह इलाका उत्तरी-पश्चिमी उपनगर का औद्योगिक केंद्र है। केन्द्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने मुंबई के ईएसआईसी अस्पताल में भारी आगजनी में मारे गये लोगों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। वहीं, गंभीर रूप से घायल लोगों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपया देने की घोषणा की गई है। यह जानकारी श्रम मंत्रालय ने अपने एक बयान के जरिए दी।