मुबंई : आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई से भड़के आदित्य ठाकरे, कहा- मेट्रो अधिकारियों की POK भेज देना चाहिए

शिवसेना (Shivsena) नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) ने मुंबई स्थित आरे कॉलोनी के जंगल से पेड़ों की कटाई को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है। मुंबई के आरे जंगल में पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे पर्यावरण कार्यकर्ताओं का समर्थन करते हुए आदित्य ठाकरे ने कहा कि केंद्र सरकार को अगर आरे कॉलोनी के जंगल की चिंता नहीं है तो उन्हें पर्यावरण बचाने को लेकर भी नहीं बोलना चाहिए।

उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि आरे कॉलोनी के लोगों के साथ हमारे शिवसैनिक खड़ें हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मुबंई मेट्रो मुंबईवासियों को अपराधी की तरह क्यों देख रही है और उनकी मांग को क्यों नहीं सुन रही। आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर कहा कि मुंबई मेट्रो जिस तरह से आरे जंगल में पेड़ों की कटाई कर रहा है वह बहुत ही निंदनीय है, क्योंकि इससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। ठाकरे ने आगे कहा कि ऐसे में इन मुंबई मेट्रो के अधिकारियों को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) में पोस्टिंग करना कैसा रहेगा। वहां पर उन्हें पेड़ों के काटने के बजाए आतंकी कैंपों को नष्ट करने की ड्यूटी दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आरे जंगल तेंदुए, बिल्ली और अन्य जानवरों के लिए घर था। इसलिए भारी पुलिस की सुरक्षा ने पेड़ों का काटना काफी निंदनीय है।

इससे पहले आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा था कि केंद्र सरकार के जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अस्तित्व में आने का कोई मतलब नहीं है, जब मुंबई मेट्रो आरे के आसपास के क्षेत्र को नष्ट कर देता है। उन्होंने कहा कि मेट्रो 3 द्वारा लिया गया यह अहंकारी कदम है।

गौरतलब है कि शुक्रवार की सुबह बॉम्बे हाईकोर्ट की ओर से आरे कॉलोनी में मेट्रो कारशेड बनाने के लिए 2702 पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करने के बाद शुक्रवार रात 8 बजे से ही पेड़ों को काटना शुरू कर दिया गया। जो अभी तक जारी है। इसके खिलाफ पर्यावरण प्रेमियों ने आरे कॉलोनी पहुंचकर विरोध करना शुरू कर दिया है। पर्यावरण प्रेमियों के अनुसार बीएमसी ने पेड़ों को काटने के लिए मिली अनुमति को अपने वेबसाइट पर नहीं डाला है और कानून के अनुसार वेबसाइट पर अनुमति की कॉपी को डालने के 15 दिनों के बाद पेड़ काटे जा सकते हैं। पेड़ काटने के खिलाफ जहां लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री दिया मिर्ज़ा और नेता जिग्नेश मेवानी ने इसके खिलाफ सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाई।

दरअसल, ‘आरे जंगल’ संजय नेशनल पार्क का हिस्सा है। यह जंगल पश्चिम उपनगर के बीचों-बीच है। इसलिए इसे मुंबई का ग्रीन लंग भी कहते हैं। दावा किया जा रहा है कि यहां 3600 पेड़ हैं, लेकिन मेट्रो प्रोजेक्ट के चलते 2700 पेड़ों को काटा जा रहा है। इसकी 1000 एकड़ जमीन पर पहले ही अतिक्रमण और निर्माण कार्य हो चुका है और बाकी की 2200 एकड़ जमीन में से 90 एकड़ पर कुलाबा-बांद्रा-सीप्ज मेट्रो-3 के लिए कारशेड बनाया जाएगा। ऐसे में पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे मुंबई को बाढ़ से बचना चाहते हैं। उनकी माने तो मुम्बई को बाढ़ से सिर्फ जंगल ही बचा सकता है।

आरे में पेड़ों की कटाई शुरू होने का विरोध करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने अपने ट्वीट में लिखा कि ऐसे समय में जब जलवायु परिवर्तन से होने वाले गंभीर संकट सामने दिख रहे हैं। जब महाराष्ट्र सरकार की ओर पेड़ों को काटने और मेट्रो शेड के लिए दूसरी जगह न देखने की ज़िद काफी डराने वाली है ये पृथ्वी को लेकर एक अदूरदर्शिता है जो आगे हमे परेशान करेगी। वहीं, पुलिस ने आरे कॉलोनी के आसपास धारा 144 लागू, कई रास्तों पर नाकेबंदी भी की गई। पुलिस ने इलाके में कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।