मैं दिल्ली में ही खुश, महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी : गडकरी

मुंबई के मातोश्री में उद्धव ठाकरे के साथ शिवसेना विधायकों की बैठक खत्म हो गई है। विधायकों ने कहा कि आगे की रणनीति उद्धव ठाकरे बनाएंगे। मुख्यमंत्री तो शिवसेना का ही होगा। वही महाराष्ट्र में सरकार गठन पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जल्द फैसला हो जाएगा। देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना की सरकार बनेगी। इस मामले से आरएसएस और मोहन भागवत का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरा सीएम बनने का सवाल ही नहीं है। मैं दिल्ली में ही रहूंगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलों का खंडन किया। नागपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में ही खुश हूं और वहीं अपना काम जारी रखूंगा। मेरे महाराष्ट्र वापस आने का सवाल ही नहीं है। महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस जी के नेतृत्व में ही सरकार बनेगी। गडकरी आज संघ प्रमुख से मुलाकात करेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि यह अलग मुद्दा है। महाराष्ट्र में सरकार के गठन से कोई लेना-देना नहीं है। राज्य में जल्द ही सरकार पर फैसला होगा। शिवसेना से बातचीत जारी है।

बता दे, आज भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने साफ किया है कि उनकी शिवसेना से अलग होकर सरकार बनाने की मंशा नहीं है। राज्यपाल से मिलकर उन्हें परिस्थितियों से अवगत कराएंगे। आज सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेंगे।

बता दे, शिवसेना इस बात पर अड़ी है कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री तो उसी का होगा और वह बीजेपी को 50-50 फॉर्मूले की याद दिला रही है। तो दूसरी तरफ, बीजेपी CM पद को लेकर किसी भी तरह के समझौते के मूड में नहीं दिख रही है। इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बार फिर इशारों-इशारों में बीजेपी पर तंज कसा है। संजय राउत ने बृहस्पतिवार की सुबह दुष्यंत कुमार का शेर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'तुम्हारे पांव के नीचे कोई ज़मीन नहीं, कमाल है कि फ़िर भी तुम्हें यक़ीन नहीं।' महाराष्ट्र में जारी सत्ता संघर्ष के बीच राउत के इस ट्वीट के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि राउत का इशारा बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़े न होने की तरफ है।

आपको बता दें कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105 सीटें मिली थीं। जबकि शिवसेना के खाते में 56 सीटें आई थीं। इसी तरह एनसीपी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर कब्जा जमाया था। अन्य के खाते में 29 सीटें गई थीं। कहा यह भी जा रहा था कि एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देकर सरकार बनवा सकती हैं। हालांकि एक दिन पहले ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने सभी अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी पार्टी मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।