वीर सावरकर प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान का जन्म ही नहीं होता: उद्धव ठाकरे

शिव सेना (Shiv sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) पर लिखी बायोग्राफी- 'इकोज फ्रॉम अ फॉरगाटेन पास्ट' के विमोचन के दौरान कहा कि अगर हिंदुत्व विचारक सावरकर उस समय देश के प्रधामंत्री बने होते तो पाकिस्तान (Pakistan) का जन्म ही नहीं होता। इसके साथ ही उन्होंने सरकार से सावरकर को भारत रत्न देने की मांग कर डाली। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो भारत की आजादी की लड़ाई में सावरकर का भी उतना ही योगदान मानते है जितना गांधी और नेहरू का था। लेकिन दुख की बात है कि देश को सिर्फ इन दो शख्सियतों के बारे में ही बात होती है। ऐसा लगा कि सिर्फ यही दो परिवार भारतीय राजनीति में अवतरित हुए थे।

उद्धव ने कहा कि उन्हें नेहरू को वीर कहने में गुरेज नहीं होता अगर वो 14 मिनट भी जेल के अंदर सावरकर की तरह रहे होते। वीर सावरकर ने जेल में 14 साल कठिन हालात में गुजारे थे। उद्धव ने यह भी कहा कि इस किताब की पहली प्रति सबसे पहले राहुल गांधी को देनी चाहिए। उद्धव कहते हैं कि सावरकर के बारे में कांग्रेस की तरफ से एकतरफा अभियान चलाया गया। सावरकर के बारे में यह प्रचार किया गया कि वो अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में देश के साथ नहीं थे। लेकिन यह बात हकीकत नहीं है। बता दे, विक्रम संपथ की लिखी बायोग्राफी में 1883 से 1924 तक के हालात का जिक्र है, जिसमें सावरकर के योगदान के बारे में बताया गया है।