हिमाचल प्रदेश विधानसभा का चार दिन का शीतकालीन सत्र अगले महीने धर्मशाला में शुरू होगा। वहीं, भारतीय जनता पार्टी की नई सरकार के कैबिनेट की पहली बैठक में बुधवार को घोषणा की गई कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार में जिन लोगों को दोबारा बहाल किया गया था उनको अपनी नौकरी छोड़नी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की पहली बैठक में इस संबंध में फैसला लिया गया है। ठाकुर ने अपने कैबिनेट के 11 सहयोगियों के साथ एक दिन पहले मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। कैबिनेट ने सरकारी बोर्ड व निगमों में चेयरमैन और वाइस-चेयरमैन जैसे पदों पर कांग्रेस के शासन काल में हुई नियुक्तियां रद्द करने का भी फैसला लिया।
इसके अलावा कैबिनेट ने वैसे कर्मचारियों को भी सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया जिनकी नियुक्ति पिछली सरकार में हुई थी। इनमें वैसे अधिकारी भी शामिल हैं जिनको पिछली सरकार ने सेवा विस्तार प्रदान किया था।
ऐसे कर्मचारियों को हटाना भाजपा के एजेंडे, पिछली सरकार के खिलाफ 'चार्जशीट' में प्रमुख था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2,000 कर्मचारियों को दोबारा बहाल किया गया था।
कैबिनेट ने हिमालच प्रदेश लोकसेवा आयोग और हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के छोड़कर सभी प्रकार की नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विधानसभा का सत्र 9 जनवरी से 12 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार पिछली सरकार की ओर से पिछले छह महीने में लिए गए फैसलों की भी समीक्षा करेगी।