कश्मीर को लेकर विवादित बयान देने वाले शाहिद अफरीदी ने किया तालिबान का सपोर्ट, कहा- इस बार पॉजिटिव सोच के साथ आए हैं

दुनियाभर में तालिबान की पहचान धर्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने और मानवाधिकार को कुचलने वालों की रही है। तालिबान की अफगानिस्तान पर पूरी तरह से कब्ज़ा कर लिया है। पाकिस्तान तालिबान का खुल कर समर्थन कर रहा है। पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों और नेताओं के साथ-साथ अब क्रिकेट स्टार्स भी तालिबान का गुणगान कर रहे है। ताजा समर्थन पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रहे शाहिद अफरीदी की ओर से आया है।

मीडिया से बातचीत में अफरीदी ने तालिबान की सत्ता में वापसी का समर्थन किया है। अफरीदी ने कहा- 'इस बार वे काफी पॉजिटिव माइंडसेट के साथ आए हैं। वे कई क्षेत्रों में महिलाओं को काम करने की इजाजत भी दे रहे हैं। इसमें राजनीति भी शामिल है।'

हालांकि, अफरीदी का यह बयान अफगानिस्तान छोड़कर भाग रहे लोगों की बातों से मेल नहीं खाता है। हजारों अफगानी बता रहे हैं कि तालिबान घरों में घुस कर अफगानियों को गोली मार रहे हैं और महिलाओं पर जुल्म की फिर से शुरुआत कर रहे हैं।

वहीं, इसके साथ ही अफरीदी ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है तालिबान को क्रिकेट बहुत पसंद है। वे इस खेल को देश में बढ़ावा देंगे। हालांकि, जिस तरीके से तालिबान ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर कब्जा किया है और जिस तरह वहां के क्रिकेटर दहशत में हैं उससे तो यही लगता है कि वहां की क्रिकेट काफी मुश्किल में पड़ सकती है। राशिद खान, मोहम्मद नबी जैसे क्रिकेटर्स अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।

शाहिद अफरीदी कश्मीर को लेकर भी कई बार विवादित बयान दे चुके हैं। आम तौर पर क्रिकेटर्स से उम्मीद की जाती है कि वे सियासी बयानबाजी से दूर रहेंगे लेकिन अफरीदी ने कई बार कश्मीर मुद्दे को बेवजह हवा देने की कोशिश की है। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाते हुए कहा था कि उनकी अगुवाई में भारत कश्मीर में धार्मिक आधार पर भेदभाव कर रहा है। बाद में हरभजन सिंह, युवराज सिंह, सुरेश रैना ने अफरीदी को कश्मीर राग अलापने की जगह विफल हो चुके पाकिस्तान को संभालने की नसीहत दी थी। की जगह विफल हो चुके पाकिस्तान को संभालने की नसीहत दी थी।