वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी का 95 साल की उम्र में निधन, पिछले कुछ समय से थे बीमार

वरिष्ठ वकील रहे राम जेठमलानी (Ram Jethmalani) का 95 वर्ष की उम्र में रविवार को देहांत हो गया। राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता थे। जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में ही वकालत की डिग्री हासिल कर लिया था। तब नियमों में संशोधन कर उन्हें 18 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाज़त दी गई थी। जबकि नियमानुसार प्रैक्टिस की उम्र सीमा 21 वर्ष थी। जेठमलानी लादे गए मुकदमों के अलावा अपने बयानों की वजह से भी अक्सर चर्चा में रहते हैं। इनकी गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती रही है। वे भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं।

राम जेठमलानी ने लगभग 7 दशक तक वकालत की। जेठमलानी ने जो प्रमुख केस लड़े उनमें नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह, हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम, हाजी मस्तान केस, हवाला स्कैम,मद्रास हाईकोर्ट, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस, 2जी स्कैम केस और आसाराम का मामला शामिल है। यही नहीं उन्होंने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टी डी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था। हालांकि उनके इस केस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। इसके साथ ही जेठमलानी ने बाबा रामदेव, राजीव गांधी के हत्यारों, लालू यादव, जयललिता और जगन रेड्डी की पैरवी कर चुके थे।

आज़ाद भारत के इतिहास में कई मोड़ों पर रामजेठमलानी काला कोट पहने खड़े दिखते हैं। एक समय पर देश के सबसे ज़्यादा टैक्स देने वाले लोगों में शामिल रहे जेठमलानी ने कई चर्चित मामलों में मुफ्त में मुकदमा लड़ा।

अपने अंदाज़ और अपने तेवर में कभी भाजपा में रहे जेठमलानी अटल बिहारी कैबिनेट में मंत्री बने थे। बाद में पार्टी से 6 साल के लिए प्रतिबंधित होने के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ ही चुनाव लड़ने उतर गए थे।