वैज्ञानिकों का दावा - भारत में नवंबर-दिसंबर में ही पहुंच गया था कोरोना वायरस

भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2 लाख 16 हजार 824 हो गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि पिछले 24 घंटे में 9,304 नए मामले सामने आए हैं और 260 लोगों की मौत हुई है। उधर देश के शीर्ष वैज्ञानिक दावा कर रहे है कि भारत में कोरोना वायरस का प्रवेश जनवरी में नहीं नवंबर 2019 में ही हो गया था। आपको बता दे, भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को केरल में दर्ज किया गया था लेकिन देश के शीर्ष वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन से जुड़े वायरस का प्रसार नवंबर महीने से ही शुरू हो गया था। इसे 'मोस्ट रिसेंट कॉमन एनसेस्टर' या 'सबसे हाल का सामान्य पूर्वज' (एमआरसीए) द्वारा पता लगाया गया है।

देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि वुहान से निकला कोरोना वायरस का पूर्वज वायरस 11 दिसंबर, 2019 तक फैल रहा था। 'सबसे हाल के सामान्य पूर्वजों के लिए समय' (MRCA) नामक एक वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए, वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि तेलंगाना और अन्य राज्यों में फैल रहे वायरस की उत्पत्ति 26 नवंबर और 25 दिसंबर के बीच हुई थी, इसकी औसत तारीख 11 दिसंबर है।

हालाकि, 30 जनवरी से पहले चीन से यात्रा करने वालों से भारत में वायरस पहुंचा था यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है क्योंकि उस दौरान देश में कोविड-19 (Covid-19) का परीक्षण बड़े पैमाने पर नहीं किया जा रहा था।

कोरोना वायरस की एक और प्रजाति का लगा पता

हैदराबाद स्थित 'सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी' (सीसीएमबी) के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकार्ताओं ने न केवल कोरोना वायरस की उम्र का अनुमान लगाया है, बल्कि उन्होंने वायरस की एक नई जाति का पता लगाया है, जो वर्तमान में मौजूद वायरस से अलग है। शोधकर्ताओं ने इसे क्लेड I/A3i नाम दिया है। क्लेड को एक सामान्य पूर्वज के सभी विकासवादी वंशजों को शामिल करने वाले जीवों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है।

क्लेड I/A3i वायरस चीन से नहीं आया

सीसीएमबी के निदेशक डॉ राकेश के मिश्रा ने बताया कि भारत के केरल राज्य में सामने आया कोविड-19 का पहला मामला वुहान शहर से जुड़ा हुआ था, लेकिन हैदराबाद में शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया (क्लेड I/A3i) चीन में उत्पन्न नहीं हुआ, बल्कि ये दक्षिण-पूर्व एशिया में कहीं सामने आया। उन्होंने कहा कि अभी तक इस नए क्लेड की उत्पत्ति का सटीक देश ज्ञात नहीं है। जहां तक, क्लेड I/A3i की बात है, यह 17 जनवरी और 25 फरवरी के बीच देश में फैल रहा था और इसकी औसत तारीख 8 फरवरी रही।

बता दे, दुनिया में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 65 लाख 67 हजार 260 हो गया है। इस दौरान कुल 31 लाख 64 हजार 346 लोग स्वस्थ हुए। 3,87,911 लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में भी लगातार कोरोना वायरस के कहर का आंकड़ा बढ़ रहा है। अमेरिका में अबतक करीब साढ़े 18 लाख लोग कोरोना वायरस से पीड़ित हैं, जबकि 1 लाख 7 हजार से अधिक की मौत हो गई है। अमेरिका जैसे देश में तबाही मचाने के बाद अब कोरोना वायरस लैटिन अमेरिकी देशों में अपना कहर बरपा रहा है।

ब्राजील में कोरोना वायरस से पैदा हुई स्थिति अब बेकाबू होती हुई दिख रही है। ब्राजील में 24 घंटे में 1 हजार 349 लोगों ने दम तोड़ा है। यह दक्षिण अमेरिका का सबसे प्रभावित देश है। यह मरने वालों का कुल आंकड़ा 32 हजार 568 हो गया है, जबकि 5 लाख 84 हजार 562 लोग संक्रमित हो चुके हैं। यहां रोजाना 20 हजार से ज्यादा संक्रमित मामले सामने आ रहे है। अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा मरीज यही हैं।