मुम्बई। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करने के लिए केंद्र की आलोचना की और कहा कि ‘लोग आपातकाल को भूल गए हैं।’ 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले ने शुक्रवार को राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया। सत्तारूढ़ भाजपा ने कहा कि यह लोगों को कांग्रेस की “तानाशाही मानसिकता” की याद दिलाएगा और कांग्रेस ने पलटवार करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा “पाखंड में सुर्खियाँ बटोरने का एक और प्रयास” बताया।
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, उनके पास कोई काम नहीं बचा है। 50 साल हो गए हैं, लोग आपातकाल को भूल चुके हैं। इस देश में आपातकाल क्यों लगाया गया था? कुछ लोग देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं। रामलीला मैदान से खुला ऐलान किया गया था, हमारे जवानों, सेना को कहा गया था कि सरकार के आदेश का पालन न करें... तो ऐसी स्थिति में अगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री होते तो वे भी इसे लगा देते।
उन्होंने कहा, यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला था, कुछ लोग देश में बम बना रहे थे और जगह-जगह बम विस्फोट कर रहे थे... बालासाहेब ठाकरे ने उस समय आपातकाल का खुलकर समर्थन किया था। आरएसएस ने भी इसका समर्थन किया था...
कांग्रेस की सहयोगी और विपक्षी दलों के इंडिया ब्लॉक घटक राजद ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करने के लिए मोदी सरकार की आलोचना की और कहा कि इस तरह के कदमों से भाजपा संविधान के साथ ‘छेड़छाड़’ करने के अपने प्रयासों के कारण लोकसभा चुनावों में मिले ‘झटके’ से उबरने की कोशिश कर रही
है।