राजनीतिक नियुक्तियों में देरी पर एक बार फिर बोले सचिन पायलट, उठाई कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देने की बात

राजस्थान की राजनीति में कांग्रेस चाहे कितना ही दिखा ले कि कोई तनाव नहीं हैं, लेकिन असल में कुछ ना कुछ बात तो है ही! प्रदेश के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पहले भी कई बार राजनीतिक नियुक्तियों में हुई देरी पर सवाल खड़े करते रहे हैं। एक बार फिर मुखर होकर उन्होंने कहा कि 19 महीने बाद चुनाव हैं ऐसे में पार्टी के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं को सरकार में भागीदारी की बात उठाई है। सरकार बने तीन साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, ऐसे में कई पद ऐसे हैं जहां पर दूसरी बार नियुक्तियां हो जातीं लेकिन कांग्रेस में खींचतान की वजह से राजनीतिक नियुक्तियों में लगातार देरी हो रही है।

पायलट ने कहा-हर व्यक्ति को हम मंत्री या बड़ा पद नहीं दे सकते, लेकिन उसकी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इतना कहना चाहता हूं कि मेरी और सबकी व्यक्तिगत राय है कि जिन लोगों ने पार्टी के लिए काम किया है उन्हें पुरस्कृत करना पड़ेगा ताकि कार्यकर्ताओं में जोश बना रहे। 19-20 महीने बाद चुनाव होने हैं और यह चुनाव जीतना बहुत जरूरी है। 30 साल से यहां सरकार रिपीट नहीं हो पाती, भाजपा-कांग्रेस का क्रम बना हुआ है। हमें उस परिपाटी उस क्रम को तोड़ना है। सोनिया गांधी और हमने पिछले दो तीन महीने से आप देख रहे होंगे उस दिशा में कुछ सही कदम उठाए हैं। जब 2023 का चुनाव होगा तो इस बार कांग्रेस जीतेगी।

बीजेपी राज में प्रतिशोध की राजनीति

सतीश पूनिया की गाड़ी पर हमले के सवाल पर पायलट ने कहा- राजनीति ऐसा प्लेटफार्म है। जहां अलग सोच के लोग हैं, मैं नहीं समझता कि हिंसा, बदसलूकी का कोई स्थान होना चाहिए। जब से केंद्र में बीजेपी का राज आया है तब से प्रतिशोध की राजनीति शुरू हो गई है। जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करना आम बात हो गई है। राजनीति में हमें सभ्य भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए और हिंसा का स्थान राजनीति में नहीं होना चाहिए।