कांग्रेस हाईकमान की पायलट को दो टूक- बाकी मांगें मंजूर लेकिन अशोक गहलोत नहीं हटेंगे

राजस्थान में कांग्रेस अपनी सरकार और कुनबे दोनों को बचाने में जुटी हुई है। गहलोत सरकार पर संकट पांचवें दिन मंगलवार को भी बरकरार है। कल दिन भर सियासी ड्रामा चलता रहा। आज भी हालात वैसे ही बन रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से खफा चल रहे सचिन पायलट अभी तक नहीं माने हैं। सोमवार के बाद आज फिर विधायक दल की बैठक हुई। यह बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बताया गया कि बगावत पर उतरे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया।

सचिन पायलट ने रखी ये तीन मांग

अब खबर है कि सचिन पायलट की ओर से कांग्रेस आलाकमान के सामने तीन मांगें रखी गई हैं और इनमें से दो पर कांग्रेस राजी होती हुई भी दिख रही है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट की ओर से मांग रखी गई है कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए, अविनाश पांडे को राजस्थान के प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए और उनके साथियों को मंत्रिमंडल में अहम जगह मिलनी चाहिए। अब इनमें से दो मांगों को कांग्रेस मानने को तैयार है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर अभी भी मंथन जारी है।

विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी

इस बीच कांग्रेस अब विधायक दल की बैठक में नहीं शामिल हुए विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी में है। पार्टी की ओर से बार-बार विधायकों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई भी शामिल नहीं हुआ। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि उन्होंने सचिन पायलट से बात करने की कोशिश की है। लेकिन वो बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, ऐसे में अब बातचीत के रास्ते बंद होते हुए दिख रहे हैं।

आपको बता दें कि कांग्रेस की ओर से लगातार दावा किया जा रहा है कि आलाकमान ने अभी तक कई बार सचिन पायलट से बात की है। कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट को जयपुर में विधायक दल की बैठक में शामिल होने को कहा गया था। लेकिन सचिन पायलट और उनके समर्थक इसपर नहीं माने।

एक तरफ सचिन पायलट गुट की ओर से अशोक गहलोत को हटाने की मांग की जाए तो दूसरी ओर जयपुर में जारी विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने अशोक गहलोत के समर्थन का दावा किया है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नेतृत्व में परिवर्तन पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।

साथ ही सचिन पायलट गुट की ओर से दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने उनसे बात नहीं की है, ना ही उनकी बातें सुनी जा रही हैं। सचिन पायलट गुट ने करीब 22 विधायकों के समर्थन की बात की है। लगातार कई विधायक और मंत्री सोशल मीडिया पर अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। इससे पहले भी सामने आया था कि सचिन पायलट की ओर से अपने समर्थकों के लिए गृह और वित्त मंत्रालय मांगा गया है।

शिवसेना ने चूहे से की सचिन की तुलना

राजस्थान में जारी सियासी हलचल के बीच शिवसेना ने बागी तेवर अख्तियार करने वाले सचिन पायलट की तुलना एक चूहे से की है। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना की संपादकीय में लिखा है, सचिन पायलट का अहंकार राज्य की सरकार को अस्थिर कर रहा है। इसके लिए शिवसेना ने भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। सामना ने आगे लिखा है, गलवान में सैनिकों की शहादत को भूलकर भाजपा राजस्थान में खरीद-फरोख्त में लगी है। एक ओर जहां देश कोरोना संकट से जूझ रहा है। वहीं, भाजपा ने कुछ अलग ही उपद्रव मचाया हुआ है। इस दौरान भाजपा ने मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराई।