रूस का दावा - Sputnik V वैक्सीन कोरोना वायरस से लोगों की रक्षा करने में 92% प्रभावी

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus vaccine) तैयार करने के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसी बीच स्पूतनिक-V (Sputnik V) वैक्सीन को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया है कि ये 92% लोगों पर प्रभावी और सुरक्षित भी है। मंगलवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ रूस की दो वैक्सीन प्रभावी और सुरक्षित हैं। पुतिन ने कहा कि रूस जल्द ही कोरोना वायरस की तीसरी वैक्सीन को तैयार करने वाला है। उन्होंने यह भी कहा कि टीका संबंधी मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।

पुतिन ने कहा, 'हमारे पास रूस में दो पंजीकृत टीके हैं और परीक्षण पहले ही पुष्टि कर चुके हैं कि टीके सुरक्षित हैं तथा इनका कोई दुष्प्रभाव नहीं है और ये प्रभावी हैं। तीसरा टीका भी आने वाला है।'

कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश

आपको बता दे, रूस 11 अगस्त को कोविड-19 की वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था। यह वैक्सीन अगले साल एक जनवरी से आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। रूस के गैमेलिया रिसर्च इंस्टीट्यूट और रक्षा मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से विकसित 'स्पूतनिक-5' के नाम से जानी जाने वाली कोरोना वैक्सीन सबसे पहले कोरोना संक्रमितों के इलाज में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों को दी गई। इस वैक्सीन का उत्पादन संयुक्त रूप से रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) द्वारा किया जा रहा है।

भारत में भी हो रह है वैक्सीन के ट्रायल

बता दें कि भारत ने रूस की कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) Sputnik-V का बड़े पैमाने पर स्टडी और ट्रायल किया रहा है। CDSCO ने डॉ रेड्डी लेबोरेटरीज लिमिटेड ने देश में रूसी वैक्सीन का असर जानने के लिए बड़े पैमाने पर ट्रायल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है।

5.17 करोड़ लोग संक्रमित

आपको बता दे, पूरी दुनिया में कोरोना से अब तक 5.17 करोड़ लोग बीमार हो चुके है. 3 करोड़ 63 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं। अब तक 12 लाख 78 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। अमेरिका में लगातार सातवें दिन एक लाख से ज्यादा संक्रमित सामने आए। देश में एक करोड़ से ज्यादा का आंकड़ा पहले ही पार हो चुका है। अमेरिका में पिछले साल नवंबर में पहला मामला सामने आया था। इसके बाद से हालात कभी भी नहीं सुधरे।

यूरोपीय देशों में कोरोना से मौत का सिलसिला जारी है। मंगलवार को यह आंकड़ा तीन लाख के पार हो गया। फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम और इटली में संक्रमण कम नहीं हो रहा है। फ्रांस में 12 दिन बाद मरीज कम जरूर हुए लेकिन अस्पतालों में गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ गई। यहां की सरकारें वैक्सीन का इंतजार कर रही हैं, लेकिन यह इंतजार बढ़ता जा रहा है। यूरोप में विश्व की कुल आबादी का 10 फीसदी हिस्सा है। यहां अस्पताल बेहतरीन हैं, लेकिन कई मरीज बहुत गंभीर हालत में हैं। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी यहां ज्यादा नहीं किया गया।