कोरोना की पहली वैक्सीन का अपडेट / पुतिन की बेटी को वैक्सीन देने के बाद गिरा शरीर का तापमान, बनीं काफी संख्या में एंटीबॉडीज

कोरोना की वैक्सीन रजिस्टर करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है रूस। मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि उनके यहां दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन तैयार हो गई है। रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी भी मिल गई है। पुतिन ने ये भी बताया है कि उन्होंने अपनी बेटी को ये वैक्सीन दी है। उन्हें दो डोज दिए गए। डोज देने के बाद शरीर के तापमान में बदलाव रिकॉर्ड किया गया। पुतिन के मुताबिक, पहली डोज देने पर उसके शरीर का तापमान 38 डिग्री था। वैक्सीन की दूसरी डोज दी गई तो तापमान 1 डिग्री गिरकर 37 डिग्री हो गया। लेकिन कुछ समय बाद दोबारा तापमान बढ़ा, जो धीरे-धीरे सामान्य हो गया।

किसको दी वैक्सीन इसका पता नहीं

पुतिन की दो बेटियां हैं, मारिया और कैटरीना। वैक्सीन दोनों में से किसको लगी है पुतिन ने यह साफ नहीं किया है लेकिन उनका कहना है कि टीका लगने के बाद वह अच्छा महसूस कर रही है। उसमें काफी संख्या में एंटीबॉडीज बनी हैं। वैक्सीन कई तरह की जांच से गुजर चुकी है और यह सुरक्षित साबित हुई।

रूसी वेबसाइट ने दावा किया है कि भारत, साऊदी अरब, इंडोनेशिया, फिलीपींस, ब्राजील, मैक्सिको जैसे देशों ने वैक्सीन को खरीदने की इच्छा जताई है। इस वैक्सीन का नाम 'Sputnik V' है। ये नाम भी खास है। Sputnik दुनिया की पहली सैटेलाइट का नाम था, जिसे सोवियत संघ ने 1957 में लॉन्च किया था। इस सैटेलाइट से जोड़कर दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन का नाम दिया गया है। रूस के गामालेया नेशनल सेंटर ने कोरोना की दवा Sputnik V को बनाया है। इस वैक्सीन के लिए एक अलग वायरस 'एडेनोवायरस' का इस्तेमाल किया गया है। इससे मिलती-जुलती वैक्सीन ही ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और चीन में भी डेवलप की गई है। बता दे, रूस ने महीने भर पहले ही इस बात के संकेत दे दिए थे कि उनकी वैक्सीन ट्रायल में सबसे आगे है और वे उसे 10 से 12 अगस्त के बीच रजिस्टर्ड करा लेंगे। हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन रूस पर भरोसा नहीं कर रहे। रूस पर वैक्सीन का फार्मूला चुराने के आरोप भी लग रहे हैं।

भारत में हो सकता है तीसरे चरण का ट्रायल

रूसी वेबसाइट के मुताबिक, 2020 के अंत तक वैक्सीन के 20 करोड़ डोज तैयार किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इनमें से 3 करोड़ डोज रूस अपने लिए रखेगा। वैक्सीन का उत्पादन सितम्बर में शुरू होगा। रूस तीसरे चरण का ट्रायल कई देशों में करने की योजना बना रहा है, इसमें सऊदी अरब, ब्राजील, भारत और फिलीपींस शामिल हैं।

रूस के रक्षा मंत्रालय और गामालेया नेशनल सेंटर ने मिलकर Sputnik V को बनाया है। इसके क्लीनिकल ट्रायल में 100% तक सफल रहने का दावा किया है। क्लीनिकल ट्रायल 18 जून को शुरू किया गया था। इस ट्रायल में 38 वॉलंटियर्स शामिल हुए हैं। ट्रायल के दौरान इन वॉलंटियर्स में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हुई है। ट्रायल के बाद पहले ग्रुप को 15 जुलाई और दूसरे ग्रुप को 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया था।

RDIF (Russian Direct Investment Fund) के चीफ किरिल दिमित्री ने कहा है कि रूस के पास पहले ही 20 से ज्यादा देशों से इस वैक्सीन की करीब 1 बिलियन डोज की डिमांड आ चुकी है। बताया जा रहा है कि वैक्सीन का बड़े पैमाने पर प्रोडक्शन सितंबर महीने से शुरू हो जाएगा जो अक्टूबर में और ज्यादा बढ़ा दिया जाएगा।