नई दिल्ली। एक बड़े घटनाक्रम में, भाजपा के वैचारिक अभिभावक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने सोमवार (2 सितंबर) को देश भर में जाति जनगणना को अपना समर्थन दिया और इसे एक संवेदनशील मुद्दा बताया। आरएसएस ने कहा कि जाति जनगणना लोगों की बेहतरी के लिए होनी चाहिए न कि चुनावी लाभ के लिए। संगठन ने कहा कि प्रत्येक जाति के लोगों की संख्या जानना महत्वपूर्ण है ताकि उनके विकास के लिए काम किया जा सके।
आरएसएस ने कहा, चुनावी लाभ के लिए जाति जनगणना नहीं होनी चाहिए। जाति जनगणना लोगों की बेहतरी के लिए होनी चाहिए। यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। विकास के लिए प्रत्येक जाति के लोगों की संख्या जानना महत्वपूर्ण है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष देश में जाति जनगणना की वकालत कर रहा है और केंद्र पर इसे कराने का दबाव बना रहा है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने निचले सदन में कहा था कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो वह जाति जनगणना कराएगी।
राहुल गांधी ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था कि वह जाति जनगणना की देश की मांग को तुरंत पूरा करें, अन्यथा वे देखेंगे कि अगला प्रधानमंत्री यह काम कर दे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता ने हिंदी में एक्स पर कहा था कि कोई भी ताकत राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना को नहीं रोक सकती है, उन्होंने एक मीडिया समूह द्वारा किए गए राष्ट्र के मूड सर्वेक्षण पर कांग्रेस की एक पोस्ट को टैग
किया था जिसमें कहा गया था कि अगस्त में 74 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि जाति जनगणना कराई जानी चाहिए, जबकि इस साल फरवरी में यह आंकड़ा 59 प्रतिशत था।