कोटा मंडल में दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से किया गया। इस दौरान, ट्रेन की स्पीड फोन के स्पीडोमीटर पर दिखी। ट्रायल का वीडियो रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने एक्स (X) अकाउंट पर साझा किया। वीडियो में ट्रेन के भीतर रखे एक गिलास में पानी स्थिर नजर आया, जिससे ट्रेन की स्थिरता और हाई-स्पीड में आरामदायक सफर का प्रमाण मिला।
2 जनवरी को हुआ 30 किमी लंबा ट्रायल रनगुरुवार, 2 जनवरी को कोटा और लबान के बीच 30 किलोमीटर लंबे ट्रायल में वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किमी/घंटा की स्पीड पकड़ी। वहीं, 1 जनवरी को रोहल खुर्द से कोटा के बीच 40 किमी लंबे ट्रायल में भी यही गति दर्ज की गई। अन्य सेक्शन जैसे कोटा-नागदा और रोहल खुर्द-चौमहला पर 170 किमी/घंटा और 160 किमी/घंटा की अधिकतम गति से परीक्षण हुआ।
यात्री भार के बराबर वजन के साथ हुआ परीक्षणइस ट्रायल में ट्रेन में यात्री भार के बराबर वजन रखा गया और तकनीकी मानकों जैसे कपलर फोर्स, एयर सस्पेंशन, ब्रेकिंग सिस्टम और घुमावदार ट्रैक पर ट्रेन की परफॉर्मेंस का विश्लेषण किया गया। अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ), लखनऊ के अधीन यह परीक्षण जनवरी तक जारी रहेंगे।
ट्रायल के बाद की प्रक्रियाट्रायल पूरा होने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त ट्रेन का अधिकतम गति पर मूल्यांकन करेंगे। अंतिम चरण में सफल परीक्षण के बाद वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को नियमित सेवा के लिए भारतीय रेलवे में शामिल किया जाएगा।
वंदे भारत स्लीपर की खासियतवंदे भारत स्लीपर ट्रेनें ऑटोमैटिक दरवाजे, आरामदायक बर्थ, ऑनबोर्ड वाई-फाई और विमान जैसी डिज़ाइन के साथ बनाई गई हैं। इससे यात्रियों को शयन सीटों के साथ विश्व स्तरीय यात्रा अनुभव मिलेगा। देश में पहले से ही वंदे भारत ट्रेनों के माध्यम से मध्यम और छोटी दूरी की यात्रा का आनंद लिया जा रहा है।