मध्य प्रदेश के देवास जिले के उमरिया गांव में लगभग 33 फुट गहरे बोरवेल के गढ्ढे में गिरे चार वर्षीय बच्चे को 35 घंटे से ज्यादा समय की मशक्कत के बाद सकुशल बचा लिया गया है।
शनिवार सुबह 11 बजे खेलते समय खेत में खुले पड़े बोरवेल के गढ्ढे में गिरे चार वर्षीय रोशन को निकालने के लिए प्रशासन और सेना ने राहत और बचाव अभियान चलाया। बाधाएं भरपूर आईं मगर लगभग 33 फुट नीचे फंसे रोशन ने हिम्मत नहीं हारी। आखिरकार उसे रविवार की रात को लगभग साढ़े 10 बजे सुरक्षित निकालने में कामयाबी मिली।
जिलाधिकारी आशीष सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि रोशन को सुरक्षित निकालने के बाद मौके पर मौजूद चिकित्सकों ने उसकी जांच की और उसे अस्पताल ले जाया गया। वह पूरी तरह स्वस्थ है।
प्रशासनिक अधिकारियों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार, खातेगांव क्षेत्र के उमरिया गांव में शनिवार की सुबह लगभग 11 बजे जब रोशन के माता-पिता भीकम सिंह कोरकू व रेखा खेत पर मजदूरी कर रहे थे तभी वह खेलते हुए नजदीकी खेत में खुले पड़े बोरवेल के गढ्ढे में जा गिरा। वह लगभग 33 फुट नीचे फंस गया था। बोरवेल की गहराई 100 फुट से ज्यादा है।
बच्चे के बोरवेल में गिरने की सूचना मिलते ही स्थानीय विधायक आशीष शर्मा मौके पर पहुंचे और प्रशासन को इसकी सूचना दी। प्रशासन के राहत बचाव दल के अलावा सेना की मदद ली गई। बोरवेल के समानांतर एक और गढ्ढा खेादा गया। उससे सुरंग बनाई गई मगर चट्टानों के बीच में आ जाने से रोशन तक पहुंच पाना कठिन रहा।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रोशन को पूरे समय ऑक्सीजन, दूध, पानी आदि पहुंचाया जाता रहा। इतना ही नहीं रोशन के पिता बीच-बीच में उसे दिलासा दिला दे रहे थे। रविवार की रात को जब सेना और एनडीआरएफ के दल को लगा कि चट्टान तोड़ना कठिन है तो रस्सी का सहारा लिया गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रोशन के पास तक ऊपर से रस्सी डाली गई और उसे बताया गया कि इस रस्सी को हाथों में ठीक वैसे ही फंसा ले जैसे उसकी मां चूड़ियां पहनती है। रोशन ने समझदारी दिखाई और उससे जैसा कहा गया उसने वैसा ही किया। राहत दल के सामने समस्या थी कि उसका यह प्रयास असफल हो गया तो क्या होगा मगर ऐसा हुआ नहीं। रोशन को दल ने रस्सी की मदद से सुरक्षित निकाल लिया।