
जयपुर। 2023 में हुई राजस्व अधिकारी (आरओ) और अधिशाषी अधिकारी (ईओ) की परीक्षा पेपर लीक और नकल के के कारण रद्द होने के बाद रविवार को दोबारा आयोजित कराई गई। राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित से इस परीक्षा में 4 लाख 37 हजार अभ्यर्थी पंजीकृत हैं। जिनके लिए 26 जिलों में 1318 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित कराई गई।
स्वायत्त शासन विभाग में 90 अधिशाषी अधिकारी और 21 राजस्व अधिकारी पदों के लिए आयोजित कराई गई इस भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों कि त्रिस्तरीय जांच के बाद परीक्षा कक्ष में बैठने की अनुमति दी गई। परीक्षा से ठीक 1 घंटे पहले 11:00 ही परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार बंद कर दिए गए। समय सीमा से देरी से पहुंचने वाले अभ्यर्थियों परीक्षा केंद्र में एंट्री नहीं दी गई। इसके बाद एग्जाम सेंटर पर एग्जाम पेपर पहुंचाए गए।
आरओ और ईओ का दोबारा एग्जामआरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि परीक्षा केंद्र के मुख्य द्वार पर अभ्यर्थियों की मेटल डिटेक्टर से जांच की गई, अभ्यार्थियों की पहचान के लिए मूल आधार कार्ड जांच किया गया और यदि इस आधार कार्ड में फोटो स्पष्ट नजर नहीं आ रही तो किसी अन्य पहचान पत्र से मिलान किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन अभ्यर्थियों के फोटो युक्त पहचान पत्र उपलब्ध नहीं थे, उन्हें परीक्षा में बैठने का अवसर नहीं दिया गया।
वहीं परीक्षा में ओएमआर शीट में अभ्यर्थियों को पांच विकल्प दिए गए, जिनमें से एक विकल्प को भरना अनिवार्य किया गया है। वहीं उन्होंने बताया कि परीक्षा को लेकर अजमेर, जयपुर के अलावा अलवर, बांसवाड़ा, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, बूंदी, चूरू, दौसा, धौलपुर, डीडवाना- कुचामन, डूंगरपुर, हनुमानगढ़, झालावाड़, झुंझुनू, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, श्रीगंगानगर, टोंक और उदयपुर में परीक्षा केंद्र बनाए गए।
ज्ञातव्य है कि पूर्व में 14 मई 2023 को दो चरणों में ये परीक्षा आयोजित कराई गई थी। इसी दिन बीकानेर में परीक्षा में नकल का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद 6 अगस्त 2023 को पुलिस ने एग्जाम सेंटर पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के इस्तेमाल होने की जानकारी दी। वहीं जांच में सामने आया कि सेलेक्ट हुए अभ्यर्थियों में नागौर के एक ही गांव खजवाना के 6 कैंडिडेट्स ऐसे थे, जिन्हें ठीक से पढ़ना तक नहीं आता था। इसके बाद 12 जून 2024 को आरपीएससी ने एटीएस और एसओजी को जांच के लिए पत्र लिखा। वहीं 28 अगस्त 2024 को एसओजी और एटीएस ने कई गोपनीय जानकारी दी। इसके बाद 15 नामजद और 8 अज्ञात कैंडिडेट्स के अलावा पेपर लीक सरगना तुलछाराम कालेर समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ और फिर 19 अक्टूबर 2024 को 15 कैंडिडेट समेत 28 संदिग्ध पकड़े गए। इनमें से आधे से ज्यादा सरकारी कर्मचारी थे और आखिर में 25 अक्टूबर 2024 को आरपीएससी में परीक्षा निरस्त करते हुए दोबारा कराने का फैसला लिया।