RBI ने दिया झटका, सस्ती EMI के लिए करना होगा इंतजार

एमपीसी की तीन दिन से जारी बैठक के नतीजे आज सुबह 10 बजे जारी हो गए है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI-Reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) की अध्यक्षता वाली छह सदस्य वालों मौद्रिक नीति समिति (MPC-Monetary Policy Committee) ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। मतलब ये कि रेपो रेट 4% पर बरकरार है। रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर बरकरार है। आरबीआई गवर्नर शक्‍तिकांत दास ने बताया कि सभी सेक्‍टर में ग्रोथ देखने को मिल रही है। उन्‍होंने कहा कि अब कोविड रोकने से ज्‍यादा फोकस रिवाइवल पर है।

आपको बता दें त्‍योहारी सीजन में डिमांड बढ़ाने के लिए उम्मीद की जा रही थी कि आरबीआई रेपो रेट कम कर सकता है। बता दे, इससे पहले अगस्त में हुई एमपीसी की 24वीं बैठक में आरबीआई ने रेपो रेट (Repo Rate) में कोई बदलाव नहीं किया था। यह 4% पर बरकरार है और रिवर्स रेपो रेट (Reverse Repo Rate) को भी 3.35% पर स्थिर रखा गया है। हालांकि, केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में रेपो रेट में 1.15% की कटौती कर चुका है।

28 सितंबर को होने वाली थी बैठक

आपको यहां बता दें कि रिजर्व बैंक ने पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक का दिन 28 सितंबर को तय किया था। लेकिन समिति के सदस्‍यों की नियुक्‍ति की वजह से बैठक को आगे के लिए टाल दिया गया था। सरकार ने एमपीसी में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। तीन जाने माने अर्थशास्त्रियों अशिमा गोयल, जयंत आर वर्मा और शशांक भिडे को एमपीसी का सदस्य नियुक्त किया गया है। इन सदस्यों की नियुक्ति चेतन घाटे, पामी दुआ, रविन्द्र ढोलकिया के स्थान पर की गई है। इनका कार्यकाल सितंबर में पूरा हो गया था।

RBI Monetary Policy Committee (MPC) के नए मेंबर्स -

जयंत आर वर्मा


वर्मा इंडीयन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट, अहमदाबाद में प्रोफेसर हैं।

शशांक भिडे


भिडे नेशनल काउंसिल फॉर एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च में वरिष्ठ सलाहकार हैं। शशांक ने कृषि अर्थशास्त्र में पीएचडी की है। वह बैंगलुरु में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन संस्थान के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य के रूप में भी कार्य करते हैं।

अशीमा गोयल


इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च में प्रोफेसर हैं। गोयल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में अर्थव्यवस्था पर 100 से अधिक लेख छपे हैं। उन्होंने मैक्रोइकोनॉमिक्स और मार्केट्स इन डेवलपिंग एंड इमर्जिंग इकोनॉमीज और भारतीय अर्थव्यवस्था की एक संक्षिप्त पुस्तिका सहित कई पुस्तकों का लेखन और संपादन भी किया है।

बता दे, एमपीसी की बैठक हर दो महीने में होती है। MPC रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट जैसे गंभीर मुद्दों पर फैसला लेती है। रिजर्व बैंक की एमपीसी में छह सदस्य होते हैं। इन छह सदस्यों में रिजर्व बैंक का गवर्नर भी शामिल होता है। आरबीआई एक्ट के अनुसार, एमपीसी में बाहरी सदस्यों का कार्यकाल चार साल का होता है। एमपीसी अक्तूबर 2016 में बनी थी।