देश के लिए बुधवार शाम होते-होते एक बुरी खबर आई, जिससे शोक की लहर दौड़ गई। दिग्गज बिजनेसमैन और अरबपति रतन टाटा का बुधवार देर शाम मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें उम्र संबंधी स्वास्थ्य परेशानियों होने के चलते मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। बीते 7 अक्टूबर को भी उन्हें अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन उन्होंने खुद एक बयान जारी कर बताया भी था कि उनकी तबीयत ठीक है, लेकिन 9 अक्टूबर 2024 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। आइए जानते हैं कि रतन टाटा कितनी संपत्ति के मालिक थे और अपने पीछे क्या-क्या छोड़ गए हैं।
1991 से 2012 तक संभाली ग्रुप की कमान
Ratan Tata की गिनती सबसे सफल बिजनेसमैन की लिस्ट में की जाती है और उनके नेतृत्व में Tata Group ने देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में डंका बजाया। Tata Group का कारोबार पूरी दुनिया में फैला हुआ है और घर की रसोई से लेकर आसमान में हवाई जहाज तक ये नाम मौजूद है। समूह की 100 से ज्यादा लिस्टेड और अनलिस्टेड कंपनियां हैं और इनका कुल कारोबार करीब 300 अरब डॉलर का है। रतन टाटा ने 1991 में ग्रुप की कमान अपने हाथ में ली थी और साल 2012 तक रतन टाटा कंपनी ने चेयरमैन बने रहे। बात करें दिवंगत रतन टाटा की संपत्ति (Ratan Tata Net Worth) के बारे में, तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के 'रतन' अपने पीछे अनुमानित करीब 3800 करोड़ रुपये की दौलत छोड़ गए हैं। दरियादली के लिए जाने जाते थे
28 दिसंबर 1937 को जन्मे रतन टाटा के दुनिया में फैले कारोबार को देख उनकी संपत्ति का ये आंकड़ा कम लग सकता है, इसके पीछे की वजह का जिक्र करें, तो उनकी कमाई का एक बड़ा हिस्सा दान में जाता था। Ratan Tata अपनी दरियादली के लिए जाने जाते थे और देश के टॉप दानवीरों में शुमार थे, जो अपनी आमदनी का बड़ा हिस्सा Tata Trust दान कर दिया करते थे। ये दान टाटा ट्रस्ट होल्डिंग कंपनी के तहत फर्मों द्वारा की गई कुल कमाई का 66% योगदान देता है। 2004 में आई सुनामी हो या फिर देश में कोरोना महामारी का प्रकोप, हर संकट के समय रतन टाटा मदद के लिए सबसे आगे रहे। न केवल सामाजिक कार्यों बल्कि आर्थिक तंगी से जूझने वाले छात्रों की भी मदद के लिए वे हमेशा आगे रहते थे। छात्रों को J.N. Tata Endowment, Sir Ratan Tata Scholarship और Tata Scholarship के जरिए मदद दी जाती है।