Ramayan Yatra Express: ड्रेस को लेकर उठा विवाद तो रेलवे ने लिया बड़ा फैसला, भगवा की जगह अब कर्मचारी पहनेंगे प्रोफेशनल कपड़े

रामायण सर्किट एक्सप्रेस (Ramayan Yatra Express) में वेटर्स के पहनावें को लेकर उठे विवाद के बाद भारतीय रेलवे ने सोमवार को बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, इस रामायण यात्रा ट्रेन में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए भगवा पहनावा निश्चित किया गया था। रेलवे के इस फैसले का अलग-अलग राज्यों के साधु-संतों ने कड़ा विरोध किया था और कर्चारियों के पहनावे को बदलने के लिए कहा था। विवाद को देखते हुए रेलवे ने अब ड्रेस के तौर पर भगवा कपड़े को हटाकर कर्मचारियों के लिए प्रोफेशनल यूनिफॉर्म को लागू कर दिया है। रेलवे ने कर्मचारियों की पोशाक को बदलते हुए कहा कि अगर किसी को असुविधा हुई है तो उसके लिए खेद है।

बता दें कि ट्रेन में रेलवे कर्मचारियों के भगवा यूनिफॉर्म को लेकर उज्जैन में संतों ने जमकर विरोध किया था। संतों ने रेलवे को चेतावनी दी थी कि अपने फैसले को तुरंत बदल लें। इस मुद्दे को लेकर अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री परमहंस अवधेश पुरी ने रेलवे मंत्री को एक पत्र भी लिखा था। इसमें कहा गया था कि अगर कर्मचारियों के पहनावे पर बदलाव नहीं किया गया तो पूरे देश में 12 दिसंबर को व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन होगा।

वर्कर्स के लिए यह था पहनावा

रेलवे ने रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन में काम करने वाले कर्मचारियों का पहनावा साधु संतों की तरह तय किया था। इसमें सभी कर्मचारियों को भगवा धोती, कुर्ता, पगड़ी और रुद्राक्ष की माला पहनाई गई थी। सोशल मीडिया में वायरल वीडियो में देखा गया कि साधु संतो की ड्रेस में वेटर्स लोगों को ट्रेन में खाना आदि परोस रहे हैं। इतना ही नहीं भगवा पहनावे में वहीं वेटर्स लोगों का जूठन भी उठा रहे थे।

भगवान राम के 15 स्थानों से गुजरेगी ट्रेन

आपको बता दे, दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से चलने वाली इस ट्रेन का पहला पड़ाव प्रभु श्री राम का जन्म स्थान अयोध्या है।इसके बाद ट्रेन सीतामढ़ी जाएगी, जहां जानकी जन्म स्थान और नेपाल के जनकपुर स्थित राम जानकी मंदिर के दर्शन होंगे। ट्रेन का अगला पड़ाव काशी होगा, जहां से पर्यटक बसों के जरिए काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल, प्रयाग, श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट की यात्रा करेंगे।

चित्रकूट से यह ट्रेन नासिक पहुंचती है, जहां पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण कराया जाता। नासिक से किष्किंधा नगरी हंपी, जहां अंजनी पर्वत स्थित श्री हनुमान जन्मस्थल और का दर्शन कराया जाता है। इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव रामेश्वरम है, जहां धनुषकोटी के दर्शन कराते हैं। रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन 17वें दिन वापस लौटती है। रेल और सड़क मार्ग की यात्रा को मिला दें तो यह यात्रा 7500 किलोमीटर की है।

बता दे, रामायण एक्सप्रेस ट्रेन की अगली ट्रिप 12 दिसंबर से शुरू होने वाली है। इसके लिए IRCTC की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग कराई जा सकती है। बुकिंग पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर होगी। एसी फर्स्ट क्लास में यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति 1 लाख 02 हजार 95 और सेकेंड एसी में सफर के लिए प्रति व्यक्ति 82,950 रुपए किराया तय किया गया है। ट्रेन में यात्रा के लिए 18 साल से ज्यादा उम्र के हर यात्री को कोविड के दोनों टीके लगवाना जरूरी है।