दिल्ली: खान मार्केट से खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने खरीदा 420 रुपये kg का सेब, फल में मिला WAX

फलों और सब्जियों पर कृत्रिम रंग और केमिकल के जरिए चमकीला बनाकर बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जाता है। फल विक्रेता अक्सर हानिकारक केमिकल और वैक्स का प्रयोग फलों की बाहरी चमक बढ़ाने के लिए करते हैं जिसके झांसे में आम लोग आ जाते हैं। लेकिन इस बार केंद्रीय मंत्री ही इसका शिकार बन गए। यह घटना हुई केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के साथ जिन्होंने रविवार को सलाद खाने की इच्छा जताई और अपने स्टाफ से रशियन सलाद की व्यवस्था करने को कहा। मंत्री के आदेश के बाद स्टाफ रशियन सलाद बनाने के लिए जरूरी सामान और फल लाने के लिए दिल्ली के मशहूर और बेहद पॉश खान मार्केट में फल विक्रेता के पास से फल लेकर आया। बाजार से सामान और फल आने के बाद स्टाफ ने रशियन सलाद बनाने की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने एक-एक करके सभी फलों को ठीक से धोने की हिदायत भी दे दी।

मंत्री की हिदायत के बाद स्टाफ ने बारीकी से फल धोना शुरू किया, लेकिन जब सेब को धोने की कोशिश की गई तो वह ठीक से धुल नहीं पा रहा था। पानी से धोने पर सेब हाथ से फिसल रहा था। इसके बाद स्टाफ ने सेब को चाकू से खुरचा तो उस पर वैक्स (wax) लगा हुआ मिला। असल में दुकानदार ने फल में बाहरी चमक लाने के लिए उस पर वैक्स लगा रखा था।

420 रुपये किलो में खरीदे थे सेब

पासवान ने जब फल ठीक से नहीं धुलने की वजह अपने स्टाफ से पूछा तो उसने बताया कि खान मार्केट के एक नामी फल की दुकान से सेब खरीद कर लाया है। मंत्री ने जब सेब की कीमत पूछा तो कीमत जानकर वह चौंक गए। स्टाफ ने उन्हें बताया कि सेब 420 रुपये किलो के हिसाब से खरीदा है। बस अब क्या था मंत्री जी जब इसके शिकार हुए तो दिल्ली के मशहूर और बेहद पॉश खान मार्केट में फल विक्रेता पर गाज गिरना ही था।

इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने अपने अधिकारियों को फोन करके इस मामले की जानकारी दी। पासवान के फोन के बाद तुरंत विभाग हरकत में आया। उपभोक्ता मंत्रालय की टीम ने खान मार्केट की उस फल की दुकान पर छापा मारा जहां से फल खरीदा गया था। इस टीम में उनके वाट-माप विभाग के अधिकारी भी शामिल थे। छापे में अधिकारियों को सभी फलों पर वैक्स और केमिकल लगा हुआ पाया। खास बात यह है कि इस तरह की मिलावट को रोकने की जिम्मेदारी खुद पासवान के ही मंत्रालय की है। छापे के बाद नियमों को उल्लंघन करने पर फल विक्रेता का चालान भी काट दिया गया। हालांकि दुकानदार का कहना है कि उसने अमेरिकन सेव आजादपुर मंडी से लिया था। शिकायत आने के बाद उसने तुरंत दुकान से फल हटा दिया था।

खुद सरकार देती है वैक्स लगाने की अनुमति

दरहसल, भारत में सेब की मुख्यत: कश्मीर और हिमाचल में पैदावार होती हैं। वहां, से इन्हें देश-विदेश सप्लाई किया जाता है। ऐसे में सेब को लंबे समय तक खराब होने से बचाने और चमक बरकरार रखने के लिए कई कारोबारी इस पर वैक्स यानी मोम की कोटिंग करते हैं। खास बात यह है कि इसकी इजाजत खुद सरकार देती है। नियमों के मुताबिक, सेब पर खाने योग्य मोम की तीन वेरायटी का लेप लगाने की अनुमति है। बीजवैक्स, कार्नाउबा वैक्स और शेलैक वैक्स इसकी तीन वेरायटी हैं। हालांकि, अगर सेब पर इनका इस्तेमाल हुआ है तो इसकी जानकारी वैक्स के प्रकार के नाम के साथ लेबल के रूप में देना अनिवार्य है।