
जयपुर: राजधानी जयपुर स्थित नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क से वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बेहद सुखद समाचार सामने आया है। यहां पहली बार मादा हिप्पो 'राजकुमारी' ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। एग्जॉटिक पार्क में हुए इस खास आयोजन से वन विभाग और पूरे पार्क में हर्ष की लहर दौड़ गई है। हिप्पो शावक का वजन लगभग 100 किलोग्राम है और इस नए मेहमान के आगमन के साथ ही अब हिप्पो फैमिली में कुल चार सदस्य हो गए हैं।
मादा हिप्पो 'राजकुमारी' का जन्म भी इसी बायोलॉजिकल पार्क में 17 जुलाई 2020 को हुआ था। उस समय रानी हिप्पो ने राजकुमारी को जन्म दिया था। बीते कुछ समय से राजकुमारी का जोड़ा नर हिप्पो 'राजा' के साथ बनाया गया था। वन्यजीव चिकित्सकों और अधिकारियों की निगरानी में यह जोड़ी समय बिताती रही, और अब इन दोनों के मिलन से एक नए जीवन की शुरुआत हुई है।
डीसीएफ विजयपाल सिंह ने जानकारी दी कि बेबी हिप्पो के जन्म के बाद से उसकी सुरक्षा और सेहत को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। हिप्पो की विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं और शिशु की सुरक्षा को देखते हुए नर हिप्पो को मादा और बच्चे से फिलहाल अलग रखा गया है।
हिप्पो फैमिली में अब चार सदस्यवरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर के नेतृत्व में मादा हिप्पो और उसके बच्चे की चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वर्ष 2019 में दिल्ली चिड़ियाघर से नर और मादा हिप्पो का एक जोड़ा लाया गया था। उसी जोड़े से वर्ष 2020 में 'राजकुमारी' का जन्म हुआ और अब राजकुमारी ने भी एक नए हिप्पो शावक को जन्म देकर सफल प्रजनन चक्र को आगे बढ़ाया है।
शिशु हिप्पो के लिए एक अलग पॉन्ड तैयार किया गया है, ताकि उसे स्वतंत्र रूप से तैरने और आराम करने का स्थान मिल सके। एहतियात के तौर पर मादा को नर से अलग रखा गया है ताकि नवजात को किसी तरह का खतरा न हो।
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पूरे समर्पण के साथ 24 घंटे बच्चे और उसकी मां की देखभाल कर रहे हैं। समय-समय पर उन्हें विशेष भोजन और पानी दिया जा रहा है ताकि स्वास्थ्य में कोई कमी न आए। हिप्पो के इस सफल प्रजनन ने नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क को एक बार फिर चर्चा में ला दिया है और यह जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम माना जा रहा है।