चमकी बुखार पर BJP सांसद रूडी बोले- कही यह चीन की साजिश तो नहीं?

बिहार में चमकी बुखार यानि एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की वजह से अब तक 155 बच्चों की मौत हो चुकी है और केवल मुजफ्फरपुर में 120 बच्चों की जान चली गई है। 16 जिलों में दिमागी बुखार (एईएस) के मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने गुरुवार को बताया कि एक जून से राज्य में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के 626 मामले दर्ज किए गए हैं। बिहार में लगातार चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत पर जहां एक तरफ पूरा देश आक्रोशित है तो वहीं आए दिन इसको लेकर नेताओं के अजीबो-गरीब बयान भी सामने आ रहे है। इसी कड़ी में शामिल हुए बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी जिन्होंने लोकसभा में चमकी बुखार का मामला उठाते हुए कहा कि बच्चों की मौत के लिए केवल लीची को दोष देना ठीक नहीं है। उन्होंने इस बीमारी के पीछे चीन की साजिश होने का भी शक जताया।

राजीव प्रताप रूडी ने कहा, ''बिहार में एक घटना हुई है जिसमें 110 बच्चों की मौत हो गई है। चिंता का विषय है। सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है, हम मृतकों के परिवार के साथ हैं। हमें दुख है और सभी 10 साल से कम उम्र के बच्चे हैं। हम प्रयास कर रहे हैं। हम सभी राजनेता और जन प्रतिनिधि हैं। हम वैज्ञानिक नहीं हैं, डॉक्टर नहीं हैं।''

उन्होंने आगे कहा, 'यह एक घटना है या कोई साजिश है। मुझे बचपन से लीची बहुत पसंद है और यह आप सभी को पसंद होगी। यह 15 दिनों का फसल है। पूरी दुनिया में जितनी लीची का फसल है 40 फिसदी उसमें भारत की हिस्सेदारी है। अधिकांश उसमें बिहार में है। हम लीची खाते आए हैं, इससे कभी हम बिमार नहीं हुए। हजारों करोड़ रुपये का निर्यात होता है। भारत के बाद सबसे अधिक लीची अगर कहीं होता है तो वह है चीन। हजारों करोड़ का लीची आज बंदरगाहों पर रखा हुआ है। जो जूस बनता था वह पीना छोड़ दिया।'

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अब समझना आवश्यक है कि लीची खाने से बच्चे मरे हैं या कोई और कारण है। कहीं यह साजिश तो नहीं है। चिंता का विषय सिर्फ इतना है कि लोग आज लीची खाना छोड़ रहे हैं। घरों में नहीं ला रहे हैं। लोगों तक सच्चाई पहुंचाने की जरूरत है कि इंस्फेलाटिस का कारण क्या था। ये बच्चे मरे तो क्यों मरे? क्या यह चीन के कारण...मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं। कहीं यह साजिश नहीं हो। यही आग्रह करूंगा कि मुझे सच्चाई जाननी है। ताकि किसानों को नुकसान नहीं पहुंचे।'

बता दे, मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने प्रभावितों जिलों में 8 एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस (एएलएस) तैनात करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत गंभीर रोगियों को लाने-ले जाने के लिए आठ एक्स्ट्रा एडवांस लाइफ सेविंग एंबुलेंस सेवा में तैनात की गई हैं। 10 चाइल्ड स्पेशलिस्ट्स और पांच पैरा-मेडिक्स की केंद्रीय टीमों को मरीजों के इलाज के लिए तैनात किया गया है और इन टीमों ने राज्य सरकार के साथ तालमेल करते हुए काम करना शुरू कर दिया है।