सरिस्का से फिर आई खुशखबरी, बाघिन ST-30 के साथ 3 शावक दिखे, बाघों का कुनबा बढ़कर हुआ 45

सरिस्का टाइगर रिजर्व से एक और अच्छी खबर आई है। वन कर्मियों को अपनी गश्त के दौरान, सरिस्का की बाघिन ST-30 के साथ तीन शावक दिखाई दिए। सरिस्का में अब बाघों का कुनबा 45 तक पहुँच गया है। यह बाघिन 2023 में रणथंभौर से सरिस्का आई थी। शावकों की उम्र लगभग दो महीने बताई गई है। वन राज्य मंत्री संजय शर्मा ने सरिस्का में नए शावकों के जन्म पर खुशी व्यक्त की है।

सरिस्का के CCF संग्राम सिंह कटियार ने बताया:

सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ने का सिलसिला जारी है। अब रणथंभौर से आई बाघिन ST-30 ने तीन शावकों को जन्म दिया है। मंगलवार को टहला रेंज में वन कर्मियों को गश्त के दौरान बाघिन ST-30 के साथ तीन शावक दिखे। इस बाघिन को 2023 में रणथंभौर से सरिस्का लाया गया था। सरिस्का में अब 17 बाघिन, 12 बाघ और 16 शावक हो गए हैं।

सरिस्का में अब युवा बाघों का होगा राज:

नए शावकों के जन्म से सरिस्का में अब युवा बाघों का राज कायम हो सकेगा। कारण है कि वर्तमान में सरिस्का में 16 शावक अलग-अलग उम्र के हैं। आगामी समय में ये शावक वयस्क होने से सरिस्का में युवा बाघों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ने की उम्मीद है।

वन मंत्री ने पोस्ट कर जताई खुशी:

प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा ने सरिस्का में नए शावकों के जन्म पर सोशल मीडिया पर खुशी का इज़हार किया। उन्होंने लिखा, वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के महत्वपूर्ण विकास में राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व में ST-30 बाघिन को तीन शावकों के साथ देखा गया। यह पहली बार देखा गया है, जो पार्क के चल रहे बाघ जनसंख्या पुनरुद्धार कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। वन कर्मचारियों की नियमित निगरानी व गश्त के दौरान यह अवलोकन किया गया। लगभग दो महीने के दिखने वाले शावकों को बाघिन के साथ अच्छी सेहत में चलते देखा गया। उनमें वृद्धि और जीवन शक्ति के आशाजनक संकेत दिखाई दिए।

पहली बार जन्म दिया:

ST-30 बाघिन को 2023 में रणथंभौर से लाया गया था। टहला रेंज के भगानी क्षेत्र में छोड़ा गया था। बाघिन ST-30 ने पहली बार जन्म दिया। यह बाघिन सरिस्का की बाघ पुनरुत्पादन रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। उसका सफल प्रजनन रिजर्व की बेहतर होती आवास स्थितियों और प्रभावी प्रबंधन प्रथाओं का सकारात्मक संकेत है। बाघ अभयारण्य के अधिकारियों ने बाघिन और शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ा दी है। मानवीय व्यवधान घटाने के लिए कैमरा ट्रैप और ग्राउंड गश्ती का उपयोग किया गया।