राजस्थान / राहुल का सचिन पायलट को संदेश, खुले हैं कांग्रेस के दरवाजे

राजस्थान में मचे सियासी बवाल के बीच अब राहुल गांधी ने सचिन पायलट के लिए संदेश भेजा है। राहुल की ओर से संदेश दिया गया है कि सचिन पायलट पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी के दरवाजे उनके लिए हमेशा खुले हैं। साथ ही सीएम अशोक गहलोत को सार्वजिनक बयान नहीं देने के लिए भी कहा गया है। खबर है कि पार्टी आलाकमान सचिन पायलट पर निजी हमले से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज है। आजतक ने पहले ही सूचना दी थी कि पार्टी नेतृत्व ने सचिन पायलट को भेजे गए नोटिस के लिए अशोक गहलोत की खिंचाई की गई थी। बता दें कि गहलोत ने सीधे सचिन पायलट पर विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सरकार गिराने का आरोप लगाया है। गहलोत ने यहां तक कह दिया कि उनके पास इसके सबूत हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि अबतक सचिन पायलट की तरफ से ये कहा जा रहा है कि उन्होंने पांच साल मेहनत की थी और सीएम पद पर कब्जा अशोक गहलोत ने जमा लिया।

उधर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आज हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी के ऊपर राजस्थान की अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। सुरजेवाला ने कहा कि पिछले 24 घंटे के घटनाक्रम ने साबित कर दिया है कि जनता के द्वारा चुनी गई। सरकार को गिराने की बीजेपी (BJP) की कोशिश फेल हो गई। भाजपा अपनी साजिश में औंधे मुंह गिरी। उसे राजस्थान के जनमत के सामने हथियार डालने पड़े। इसी क्रम में सुरजेवाला ने कहा कि मीडिया के मार्फत पता चला कि सचिन पायलट बीजेपी में नहीं जाना चाहते हैं। अगर ऐसा है तो हमारा आग्रह है कि बीजेपी की हरियाणा सरकार की मेजबानी अस्वीकार कीजिए और अपने घर जयपुर लौट आइए।

कांग्रेस प्रवक्ता ने सचिन पायलट और बागी विधायकों के ऊपर पार्टी की कार्रवाई को लेकर भी अपनी बातें रखीं। सुरजेवाला ने पायलट को लेकर कहा, 'मुझे खेद से कहना पड़ता है कि कांग्रेस ने युवा उम्र में उन्हें कई पदों पर बैठाया। सांसद, केंद्रीय मंत्री, PCC चीफ और डिप्टी CM का पद दिया। ऐसा शायद ही कोई व्यक्ति जिसे किसी राजनैतिक दल ने इतना आगे बढ़ाया। सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कोशिश की कि घर का व्यक्ति घर में ही पक्ष रखे। दुर्भाग्य से कुछ नहीं हो पाया और भारी दिल से कल कार्रवाई की घोषणा करनी पड़ी।'

राहुल गांधी के संदेश के बाद साफ हो गया है कि अभी सचिन पायलट के लिए कांग्रेस के दरवाजे बंद नहीं है। कांग्रेस में अभी सुलह-समझौते की गुंजाइश बची हुई है।