राजस्थान: PTI भर्ती 2022 में चयनित शिक्षकों की नौकरी रहेगी या जाएगी? आज हाईकोर्ट करेगा अहम फैसला

राजस्थान में 2022 में हुई पीटीआई भर्ती (PTI Recruitment) में 129 पीटीआई शिक्षकों की नियुक्ति को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने के मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इससे पहले, 15 जनवरी को हाईकोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया था। इस भर्ती प्रक्रिया को लेकर शुरू से ही विवाद उठ रहे थे, जिनमें बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतें आईं थी। एसओजी (Special Operations Group) की जांच के बाद शिक्षा विभाग को कार्रवाई करने का आदेश दिया गया था, जिसके परिणामस्वरूप इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था।

नियुक्ति रद्द होने के बाद पीटीआई शिक्षक, जिन्होंने पहले से ही अपनी नौकरी शुरू कर दी थी, ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और इस निर्णय को गलत ठहराया। शिक्षकों का कहना है कि उनके दस्तावेज पहले ही सत्यापित किए जा चुके थे और एक साल तक कार्य करने के बाद उनकी सेवाओं को अचानक समाप्त कर दिया गया। इन शिक्षकों ने कोर्ट से मांग की है कि उनकी सेवा समाप्त करने के आदेश को निरस्त किया जाए।

हाईकोर्ट ने मामले में गंभीरता से विचार करते हुए पूरी भर्ती प्रक्रिया का रिकॉर्ड तलब किया है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि भर्ती में क्या गलतियाँ हुईं और यह निर्णय किस आधार पर लिया गया।

बर्खास्तगी के मामले पर होगी सुनवाई

राजस्थान में पीटीआई (Physical Training Instructor) भर्ती के बर्खास्तगी मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई होने वाली है। वहीं, कुछ अभ्यर्थियों का एक धड़ा कोर्ट पहुंचा है, जो सभी पीटीआई शिक्षकों के पुनः दस्तावेज सत्यापन की मांग कर रहे हैं। इस वजह से हाईकोर्ट ने दोनों मामलों को एक साथ मर्ज कर दिया है, जिससे अब इन दोनों मामलों पर एक साथ सुनवाई होगी। आज होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि क्या नियुक्त शिक्षकों को राहत मिलेगी या फिर शिक्षा विभाग का फैसला बरकरार रहेगा।

क्या है पीटीआई भर्ती में फर्जीवाड़ा?

2022 में राजस्थान में पीटीआई के कुल 5546 पदों के लिए भर्ती निकाली गई थी। इस भर्ती के तहत 12वीं तक की शैक्षिक योग्यता के साथ-साथ शारीरिक शिक्षा में प्रमाण पत्र या डिप्लोमा की आवश्यकता थी। इस भर्ती परीक्षा में 321 अभ्यर्थियों के दस्तावेज मिसमैच हुए थे। बोर्ड ने इन अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर, अक्टूबर में जवाब देने को कहा था।

इस भर्ती में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की शिकायतें आई थीं। कई अभ्यर्थियों ने दस्तावेज़ों में हेरफेर करके नौकरी हासिल की थी। इसके अलावा, कुछ अभ्यर्थियों ने 8वीं तक की पढ़ाई की थी और फिर भी पीटीआई के पदों पर चयनित हो गए थे। इन फर्जीवाड़े के कारण जांच शुरू की गई और शिक्षा विभाग को कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए गए।