
जयपुर। राजस्थान में 104 और 108 एंबुलेंस की खामियों के बाद राज्य के 41 जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) को नोटिस जारी किए गए हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा इन अधिकारियों को निर्धारित समय सीमा के भीतर एंबुलेंस निरीक्षण रिपोर्ट नहीं जमा करने पर यह नोटिस जारी किए गए हैं। अधिकारियों को 5 दिन के भीतर जवाब देने का निर्देश दिया गया है, और अगर जवाब नहीं आता है तो विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
दरअसल, सभी जिलों के CMHOs को जनवरी से मार्च तक अपनी-अपनी क्षेत्रों में चल रही 104 और 108 एंबुलेंस का निरीक्षण करना था। इसके बाद इस निरीक्षण रिपोर्ट को विभाग की मोबाइल ऐप पर अपलोड करना था। 41 जिलों के CMHOs ने न तो इस निरीक्षण को पूरा किया और न ही रिपोर्ट को विभाग में जमा किया।
आवश्यक था महीने में 4 बार निरीक्षणNHM द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक CMHO को अपने क्षेत्र में चलने वाली एंबुलेंस का महीने में 4 बार निरीक्षण करना था। इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह था कि चल रही एंबुलेंस में किसी भी तरह की खामी का पता चल सके और उसे समय रहते ठीक किया जा सके, ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
इन CMHOs को मिली नोटिसराजस्थान के विभिन्न जिलों के CMHOs को नोटिस भेजे गए हैं, जिनमें अलवर के डॉ. योगेश कुमार शर्मा, प्रतापगढ़ के डॉ. जीवराज मीना, फालोदी के डॉ. धीरज बिस्सा, जैसलमेर के डॉ. राजेंद्र पालीवाल, डूंगरपुर के डॉ. आलंकार गुप्ता, बांदीकुई के डॉ. ओपी सामर, बालोतरा के डॉ. वकाराम चौधरी, सीकर के डॉ. अशोक कुमार महरिया, उदयपुर के डॉ. अशोक आदित्य, सिरोही के डॉ. दिनेश खराड़ी, सवाई माधोपुर के डॉ. अनिल कुमार जैमिनी, खैरथल-तिजारा के डॉ. अरविंद गेट, कोटपुतली-भीलवाड़ा के डॉ. आशीष सिंह शेखावत, डेग के डॉ. विजय कुमार सिंघल, हनुमानगढ़ के डॉ. नवित शर्मा, टोंक के डॉ. शैलेन्द्र सिंह चौधरी, पाली के डॉ. विकास मारवाल, दौसा के डॉ. सीताराम मीना और करौली के डॉ. दिनेश चंद मीना शामिल हैं। इसके अलावा जयपुर, जोधपुर और कोटा सहित 41 जिलों के CMHOs को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
100 से ज्यादा एंबुलेंस में खामियां पाई गईंNHM ने राज्य में चल रही सभी एंबुलेंस का निरीक्षण करने के लिए एक टीम तैनात की थी। यह निरीक्षण 3 से 9 अप्रैल तक किया गया, जिसमें 108 और 104 एंबुलेंस में विभिन्न खामियां पाई गईं। इनमें से 8 एंबुलेंस के टायर खराब थे और उनके पास स्पेयर टायर भी नहीं थे। इसी तरह, 6 एंबुलेंस में आवश्यक दवाएं और चिकित्सा उपकरण नहीं थे। 28 एंबुलेंस में एयर कंडीशनिंग तो थी, लेकिन वह काम नहीं कर रही थी।