राजस्थान सरकार के फैसले ने युवाओं से छीना रोजगार, हजारों की तादाद में हुए बेरोजगार, क्या यही है मोदी की गारंटी

जयपुर। राजस्थान में भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार की दो योजनाओं को बंद कर दिया है। दोनों योजनाओं से करीब 55 हजार युवा लाभांवित हो रहे थे। सरकार के फैसले का सीधा असर बेरोजगार युवाओं पर पड़ा है। एक तो भर्तियां निकल नहीं रही है। दूसरा भर्ती बंद हो गई है। महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती के तहत 50 हजार युवाओं की भर्ती के लिए अगस्त महीने में आवेदन मांगे गए थे। योजना के तहत 4500 रुपये मानदेय मिलता है। जबकि राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप के तहत युवाओं को इंटर्नशिप का अवसर प्रदान किया जाता है। राजीव गांधी युवा मित्र योजना में बेरोजगार युवाओं को इंटर्नशिप के माध्यम से अपनी प्रतिभा और कौशल विकसित करने की सुविधा प्रदान की जाती है। इसमे का करने वाले युवाओं को 10 हजार रुपये महीने मिलते थे।

कांग्रेस ने साधा निशाना


कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने ट्वीट कर कहा- राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है।भाजपा सरकार रोजगार का रोडमैप बनाने की बजाय रोजगार छीनकर युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने का काम रही है।

नाम बदल सकते थे, योजनाएं बंद क्यों कर रहे हैंः गहलोत

इधर, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर कहा-राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम में सरकार की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने के लिए कार्य कर रहे करीब 5,000 युवाओं की सेवाएं समाप्त करना उचित नहीं है। ये युवा सरकार की योजनाओं के बारे में जागरुक हैं एवं सरकार की काफी मदद कर रहे हैं। नई सरकार को इस योजना के नाम से परेशानी थी तो राजीव गांधी सेवा केन्द्रों की भांति नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कर सकती थी। जबकि प्रदेशवासी जानते हैं कि पिछले कार्यकाल में BJP सरकार द्वारा अस्थायी तौर पर लगाए गए पंचायत सहायकों को हमारी सरकार ने स्थायी कर उनका वेतन बढ़ाया था। ऐसी ही सकारात्मक सोच से नई सरकार को भी राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप कार्यक्रम को जारी रखना चाहिए।

जिन्हें गोडसे में विश्वास हो, वे गांधी जी के विचारों को कैसे आगे बढ़ा पाते

इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने कहा है कि राजीव गांधी युवा मित्रों को हटाने के बाद भाजपा सरकार द्वारा 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती प्रक्रिया रद्द करना युवाओं के भविष्य पर कुठाराघात है। सेवा प्रेरक का काम अंहिसा, प्रेम और गांधी दर्शन का प्रचार-प्रसार करना था लेकिन जिन्हें गोडसे में विश्वास हो वो गांधी जी के विचारों को कैसे बढ़ा पाते! इसीलिए इन्होंने ये क़दम उठाया है। भाजपा सरकार रोजगार का रोडमैप बनाने की बजाय रोजगार छीनकर युवाओं को बेरोजगारी में धकेलने का काम रही है।

4500 रुपये मानदेय मिलता था

बता दें योजना के तहत शांति एवं अहिंसा विभाग की तरफ से राजस्थान के सभी जिलों के सभी राजस्व ग्रामों एवं शहरी क्षेत्र के सभी वार्डों के लिए महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती की गई थी। इसके लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष और अधिकतम आयु 50 वर्ष तक रखी गई। आयु की गणना 2023 को आधार मानकर की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियमों के मुताबिक छूट भी दी गई। योजना का उद्देश्य महात्मा गांधी के शांति एवं अहिंसा का प्रचार प्रसार करना था। योजना के तहत चयनित अभ्यर्थियों को 4500 रुपये मानदेय मिलते थे।