राजस्थान: बूंदी में प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ किसानों का महापड़ाव, प्रशासन को दिया 10 दिन का अल्टीमेटम

राजस्थान के बूंदी जिले में शनिवार को किसानों ने माधोराजपुरा इलेक्ट्रिकल ग्रेड के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में जुटे किसानों ने बिजली विभाग के दफ्तर में धरना शुरू कर दिया, और निजीकरण का विरोध करना शुरू कर दिया। इस पर जैसे ही अधिकारियों को जानकारी मिली, तहसीलदार और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से बातचीत की और कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त कराया।

10 दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो ताला लगाएंगे बिजली विभाग पर

धरना खत्म होने के बाद किसानों ने प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया। किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई, तो वे 20 जनवरी को बिजली विभाग के दफ्तर में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू करेंगे। किसान नेता गिरिराज गौतम ने कहा, हमने 7 दिन पहले प्रशासन को चेतावनी दी थी, लेकिन कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। किसान प्राइवेटाइजेशन को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

आर-पार की लड़ाई की चेतावनी


गौतम ने आगे कहा, अगर प्रशासन ने इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। यह फैसला किसानों के हितों के खिलाफ है। बिजली व्यवस्था का निजीकरण अंग्रेजों की तरह ईस्ट इंडिया कंपनी बनाने जैसा है, जिसे हम किसी कीमत पर नहीं स्वीकार करेंगे। 20 जनवरी से पहले यदि कोई निर्णय नहीं लिया गया तो हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

किसानों ने दी स्पष्ट चेतावनी

किसानों ने यह भी चेतावनी दी कि वे किसी भी निजी कंपनी के व्यक्ति को बिना किसानों की सहमति के गांवों में घुसने नहीं देंगे। अधीक्षण अभियंता और तहसीलदार ने किसानों से फोन पर बात की और उनकी मांगों को जयपुर में उच्च अधिकारियों तक पहुंचाने का वादा किया।