राजस्थान में विधानसभा सत्र कल से, भाजपा विधायक दल की हुई बैठक, वसुंधरा राजे ने कांग्रेस पर बोला हमला

राजस्थान में शुक्रवार से विधानसभा सत्र शुरू हो रहा है। इससे पहले कांग्रेस और भाजपा की बैठक हो रही है। भाजपा की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुई हैं। कांग्रेस के राजनीतिक संकट के बाद वसुंधरा पहली बार जयपुर पहुंचीं। इससे पहले 11 अगस्त को भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन वसुंधरा शामिल नहीं हुई थीं। आज की बैठक में 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर रणनीति बनाई गई। बताया जा रहा है कि इसमें गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया गया। नेता विपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि पार्टी ने पूरी तैयारी कर रखी है। उन्होंने कहा कि सरकार एक महीने से बाड़े में बंद है। प्रदेश में केंद्र सरकार की योजनाओं की अनदेखी की जा रही है। ये सरकार विरोधाभास की सरकार है। वहीं, बताया गया है कि भाजपा में आंतरिक कलह भी चल रहा है। इसी के चलते भाजपा विधायक दल की बैठक को कई बार टाला गया है।

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा ने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जनता का नहीं खुद के हितों का ध्यान रखा। हमने राजस्थान में 10 साल खूब काम किया था। कांग्रेस सरकार आने के बाद हमारी योजनाओं के नाम बदल दिए गए या बंद कर दी गईं। अब हमें केंद्र के कामों को लोगों तक पहुंचाना है।

वसुंधरा ने राजमाता को
किया याद

बैठक में वसुंधरा राजे ने कहा कि राजमाता (विजया राजे सिंधिया) ने मुझे सिखाया था कि तुम ऐसी पार्टी में काम करती हो, जिसमें देश सबसे ऊपर है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने लोगों की खूब सेवा की।

कांग्रेस में चली खींचतान पर चुप थी वसुंधरा

वसुंधरा राजे ने कोरोना की वजह से सार्वजनिक तौर पर 5 महीने से किसी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया था। मार्च में लखनऊ में हुई पार्टी में सिंगर कनिका के साथ वसुंधरा राजे नजर आई थीं। कनिका के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद राजे ने भी खुद को क्वारैंटाइन कर लिया था। कांग्रेस में 36 दिन चली खींचतान के दौरान वे चुप रहीं। इसे लेकर कई कयास लगाए गए। यह भी कहा गया कि अगर सचिन पायलट भाजपा में आए तो वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का साथ दे सकती हैं।