Rajasthan: पंजाब 20 मार्च से 28 मई तक करेगा नहरबंदी, इन 9 जिलों को स्टोर किए गए पानी से ही चलाना होगा काम

पंजाब 20 मार्च से 28 मई तक यानी कुल 68 दिन नहरबंदी करेगा। नहरबंदी के बावजूद राजस्थान के 9 जिलों को 29 अप्रैल तक पीने का पानी मिलता रहेगा। 30 अप्रैल से नहर में पूरी तरह पानी बंद हो जाएगा। एक मई से दो या तीन जून तक नहरें पूरी तरह सूखी रहेंगी और इस दौरान इन 9 जिलों को स्टोर किए गए पानी से ही काम चलाना होगा। राजस्थान के इतिहास में पहली बार 68 दिन की नहरबंदी हो रही है। अब तक 30 दिन के लिए नहर बंद की जाती थी। इस दौरान पंजाब सीमा में आने वाली इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत की जाएगी। 29 मई को पंजाब राजस्थान नहर में पानी छोड़ेगा, जो जून के पहले सप्ताह तक बीकानेर पहुंच पाएगा।

6 मार्च से सिंचाई का रेगुलेशन बंद होने के बाद राजस्थान को पेयजल के लिए 2000 क्यूसेक पानी मिल रहा है। राजस्थान के अभियंताओं ने बीबीएमबी चेयरमैन से पीने के पानी में इजाफा करने के लिए कहा, क्योंकि 9 जिलों को पीने के लिए रोज करीब 2700 क्यूसेक पानी की जरूरत है, लेकिन अभी 2000 क्यूसेक ही मिल रहा है। अब राजस्थान में डिग्गी, पौंड और जलाशय जल्दी ही भरने होंगे, ताकि पंजाब से रोज मिल रहे पीने के पानी का उपयोग रोजर्मरा के काम में लिया जा सके। नहरबंदी की तिथि तय होने के साथ ही वहां ठेकेदारों ने भी नहर मरम्मत की तैयारियों को अंतिम रूप देने लगे हैं। नहर किनारे मरम्मत का सामान जुटाया जाने लगा है। तमाम तरह की मशीनों से लेकर बजरी, सीमेंट आदि एकत्र किया जाने लगा है।

29 अप्रैल से शुरू होगी असली परेशानी

नहरबंदी का असर आम आदमी पर 28 अप्रैल तक नहीं होगा क्योंकि 28 अप्रैल तक पंजाब पेयजल के लिए पर्याप्त पानी देता रहेगा। असली दिक्कत 29 अप्रैल से शुरू होगी जो जून के पहले सप्ताह तक होगी। बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर, नागाैर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर और हनुमानगढ़ में पीने के पानी की भंडारण क्षमता 18 दिन से ज्यादा नहीं है। इस दौरान हालात पर नियंत्रण के लिए जलदाय विभाग एक या दो दिन छोड़कर पानी सप्लाई करने का फैसला लिया है। अप्रैल में जलदाय विभाग पेयजल कटौती का एलान करेगा।