अजमेर: खुद को आग लगाने वाले पुजारी की अस्पताल में मौत, परिवार ने शव लेने से किया इंकार, कहा - न्याय चाहिए; पढ़े पूरा मामला

राजस्थान के अजमेर जिले में गुरुवार देर रात 10:30 बजे पुजारी गोविंद नारायण (92) की जेएलएन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत हो गई। गोविंद नारायण ऋषि घाटी स्थित जगदीश पुरी मंदिर के पूर्व पुजारी थे। दरअसल, ऋषि घाटी स्थित जगदीश पुरी मंदिर के पूर्व पुजारी गोविंद नारायण ने मंदिर कमेटी से परेशान होकर 11 अक्टूबर 2022 को मंदिर में खुद पर केरोसिन उड़ेलकर आग लगा दी। जिसके बाद वह 60% झुलस गए। पुजारी को जेएलएन हॉस्पिटल के बर्न वार्ड में एडमिट करवाया गया। जिसके बाद बुधवार को उन्हें तबीयत ज्यादा नाजुक होने पर वैंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। जहां गुरुवार रात उन्होंने दम तोड़ दिया। उधर, समाज और परिवार के लोगों ने पुजारी गोविंद नारायण की बॉडी लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि जब तक पुजारी के परिवार को न्याय नहीं मिलेगा तब तक बॉडी नहीं उठाई जाएगी। ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष सुदामा शर्मा ने बताया कि शुक्रवार सुबहे 8 बजे समाज द्वारा महापंचायत बुलाई गई है। जहां बैठक के बाद ही निर्णय किया जाएगा की आगे क्या करना है। इसके बाद से ही पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड पर है।

भास्कर की खबर के अनुसार सीओ छवी शर्मा ने बताया कि पुजारी गोविंद नारायण की डेथ हो चुकी है। जिनकी बॉडी को मोर्चरी में रखवाया गया है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को परिजनों और समाज से बातचीत व समझाइश कर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ब्राह्मण समाज द्वारा बुलाई गई महापंचायत को लेकर कहा कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यवस्था की गई है।।

समाज और परिवार की है ये मांग

पंडित सुदामा शर्मा ने बताया कि समाज और परिवार की मांग है कि पुजारी को आत्मदाह के लिए उकसाने वाले लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए, प्रशासन द्वारा पंडित परिवार को 50 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए, वही मंदिर कमेटी की पूर्व के भांति सुचारू रूप से पुजारी के पोते भरत शर्मा को कमेटी में स्थाई सदस्य बनाकर पूजा-पाठ व निवास करने दिया जाए। साथ ही उन्होंने प्रशासन व पुलिस अधिकारियों द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं करने पर पुलिस अधिकारियों व प्रशासनिक अधिकारियों को निलंबित करने की मांग रखी है। गुरुवार को मांग पत्र बजरंगगढ़ स्थित कैसरबाग चौकी में एसडीएम को समाज द्वारा दिया गया था। इसके साथ ही पूर्व में संभागीय आयुक्त और आईजी को भी समाज ने ज्ञापन दिया था।

आत्मदाह का प्रयास करने वाले पंडित गोविंद नारायण के पोते भरत शर्मा ने आरोप लगाया- 4 महीने पहले ही मंदिर की कार्यकारिणी घोषित हुई है। इसके बाद से ही अध्यक्ष नरेंद्र डीडवानिया, सचिव प्रमोद डीडवानिया, उपाध्यक्ष रितेश कनोडिया और भवन प्रबंधक सुशील कनोडिया उसके दादा को मंदिर खाली करने के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। परेशान होकर दादा ने इस तरह का कदम उठाया है। भरत ने बताया कि इसे लेकर कोर्ट केस भी चल रहा है।

पुजारी ने लिखा था सुसाइड नोट

पंडित गोविंद नारायण आत्मदाह की कोशिश करने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था। जिसमें लिखा था कि मैं गोविंद नारायण जगदीश मंदिर का पुजारी हूं। मुझे चेयरमैन परेशान करवा रहा है। प्रशासन हमारी कोई मदद नहीं कर रहा। धमकाते हुए मेरे पोते को मारने के लिए कहा। मेरी बहू के ऊपर गंदी नजर रखते हैं।