नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा नौकरशाही में लेटरल एंट्री के लिए जारी विज्ञापन को वापस लेने के बाद, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस हर कीमत पर संविधान और आरक्षण व्यवस्था की रक्षा करेगी और भाजपा की साजिशों को विफल करेगी।
उनकी यह टिप्पणी केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखने और उनसे विज्ञापन को रद्द करने के लिए कहने के बाद आई है, ताकि हाशिए पर पड़े समुदायों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।
गांधी ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, हम हर कीमत पर संविधान और आरक्षण व्यवस्था की रक्षा करेंगे। हम किसी भी कीमत पर 'लेटरल एंट्री' जैसी भाजपा की साजिशों को विफल करेंगे।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, मैं फिर से कह रहा हूं - 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को हटाकर हम जाति जनगणना के आधार पर सामाजिक न्याय सुनिश्चित करेंगे।
17 अगस्त को यूपीएससी ने 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसे सरकारी विभागों में विशेषज्ञों (निजी क्षेत्र से भी) की नियुक्ति के रूप में संदर्भित किया जाता है।
इस निर्णय की विपक्षी दलों ने आलोचना की थी, जिन्होंने दावा किया था कि इसने ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण अधिकारों को कमजोर किया है।
अपने पत्र में सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए, सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने और समावेशिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है।