पुणे। पुणे की एक अदालत ने मंगलवार को के आरोपी किशोर के पिता और दादा को अपहरण और उनके पारिवारिक ड्राइवर को गलत तरीके से बंधक बनाने के मामले में जमानत दे दी।
किशोर के दादा एसके अग्रवाल को बारी कोर्ट द्वारा जमानत आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि, नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल न्यायिक हिरासत में रहेंगे क्योंकि पुलिस को रक्त अदला-बदली मामले में अपने दस्तावेज जमा करने हैं।
पुणे पुलिस ने दावा किया कि 19 मई की मध्य रात्रि को दुर्घटना के बाद सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल ने ड्राइवर का अपहरण कर लिया था और उसे अपने बंगले पर ले गया था।
पुलिस ने बताया कि उस रात ड्राइवर अग्रवाल के कल्याणीनगर स्थित घर पर रुका था। इसके बाद उसकी पत्नी और बच्चों को भी यहां लाया गया था। इस संबंध में क्राइम ब्रांच ने अग्रवाल के बंगले के सीसीटीवी फुटेज की जांच की थी। तलाशी अभियान भी चलाया गया था।
हालांकि बचाव पक्ष के वकील प्रशांत पाटिल ने कोर्ट को बताया कि ड्राइवर खुद ही बंगले पर आया था। साथ ही पाटिल ने कोर्ट को बताया कि मॉब लिंचिंग के डर से ड्राइवर उस रात अग्रवाल के बंगले पर अपने परिवार के साथ रुका था।
अपहरण के मामले में न्यायिक हिरासत मिलने के बाद सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल को जमानत दे दी गई।
इस बीच, इस मामले में विशाल अग्रवाल को भी जमानत मिल गई है, लेकिन खून की अदला-बदली के मामले में उनकी हिरासत जारी रहेगी। पहले के एक मामले में जमानत मिलने के बावजूद, विशाल अग्रवाल तीन अन्य मामलों के चलते यरवदा सेंट्रल जेल में बंद है।
इनमें से एक मामला परिवार के ड्राइवर के कथित अपहरण और गलत तरीके से बंधक बनाए जाने का है, जिस पर अग्रवाल परिवार पर कार चलाने की जिम्मेदारी लेने का दबाव डालने का आरोप है।
एक अन्य मामला संभावित साक्ष्यों से छेड़छाड़ से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि
शराब का पता लगाने से बचने के लिए नाबालिग के रक्त के नमूने को उसकी मां के रक्त के नमूने से बदल दिया गया था।