पुलवामा और उरी हमला, 12 दिन के भीतर भारत ने लिया बदला, जानें 12 का कनेक्शन

18 सितम्बर 2016 को जम्मू और कश्मीर (Jammu-Kashmir) के उरी (Uri) सेक्टर में एलओसी (LoC) के पास स्थित भारतीय सेना (Indian Army) के स्थानीय मुख्यालय पर एक आतंकी हमला (Terrorist Attack) हुआ। इस हमले में 18 जवान शहीद हो गए और जवाबी कारवाई में 4 आतंकी मारे गए थे। वहीं 14 फरवरी 2019 को जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में सीआरपीएफ (CRPF) के जवानों पर आत्मघाती हमला हुआ जिसमे 40 से ज्यादा जवान शहीद हो गए।

अब हम आपको बताते है कि इन दोनों हमलों में एक समानता भी है वो है 12 की। उरी अटैक 18 सितंबर जिसके करीब 12 दिन बाद 29 सितम्बर 2016 को भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी लांच पैड्स पर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था उसी तरह 14 फरवरी 2019 पुलवामा में आतंकी हमले का जवाब भी भारत ने 12 दिन बाद यानि 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक (Air Strike) पाकिस्तान के बालाकोट में जाकर आतंकी कैंप को उड़ा डाला, इस हमले में तकरीबन 350 आतंकवादियों के खात्मे की खबर है। यानि कहा जा सकता है कि दोनों ही हमलों के 12 दिनों के भीतर सेना ने इन हमलों को बदला ले लिया।

बता दे, भारतीय वायुसेना ने सुबह साढ़े 3 बजे 12 मिराज 2000 भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एलओसी के पार जाकर आतंकवादी कैंपों पर निशाना बनाया।

इस पूरी प्रक्रिया (Operations) में Mirage 2000 ने सबसे अहम काम किया है जिसकी मिसाल दी जा रही है, जिन्होंने आतंकियों के ठिकानों पर 1000 किलो से भीषण बमबारी की, इन मिराज विमानों की संख्या भी 12 है। उरी हमले की बात करें तो यह भारतीय सेना पर किया गया, लगभग 20 सालों में सबसे बड़ा हमला था। उरी हमले में सीमा पार बैठे आतंकियों का हाथ बताया गया है। इनकी योजना के तहत ही सेना के कैंप पर फिदायीन हमला किया गया।

वहीं पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए 40 जवानों की शहादत का बदला इंडियन एयरफोर्स ने मंगलवार को ले लिया। भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर लेजर गाइडेड बम गिराए। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई में जैश-ए-मुहम्मद के कई ठिकानों को तबाह कर दिया गया। ये हमले बालाकोट , चकोटी और मुजफ्फराबाद में किए गए। पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था। दो मिनट से भी कम समय में अंजाम दिया गया भारतीय वायुसेना का यह हमला अत्यंत त्वरित और सटीक था। सूत्रों ने कहा कि हमला किसी सैन्य ठिकाने पर नहीं, केवल आतंकी ठिकाने पर किया गया और इसे 'हमलों को रोकने' के उद्देश्य से 'ऐहतियात' के तौर पर अंजाम दिया गया।

उन्होंने कहा कि यह ठिकाना जंगल में एक पहाड़ी पर स्थित था और पांच सितारा रिजॉर्ट शैली में बना था। इसके चलते यह 'आसान निशाना' बन गया तथा आतंकवादियों को नींद में ही मौत के आगोश में सुला दिया गया। पीओके में आतंकियों के खिलाफ एयर फोर्स की कार्रवाई के बाद राजस्थान के चुरु में पीएम मोदी ने कहा कि आज आपका मिजाज कुछ और लग रहा है। सबसे पहले मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद कर पूरी ताकत से बोलिए- 'भारत माता की जय'। पीएम मोदी ने कहा कि आपका ये जोश मैं भलीभांति समझ रहा हूं। आज एक ऐसा पल है जिसमें हम सभी आएं और भारत के पराक्रमी वीरों को सिर झुकाकर नमन करें। आज चुरु की धरती से देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि देश सुरक्षित हाथों में है।

सौगंध मुझे है इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने 2014 में कहा था कि देश नहीं झूकने दूंगा, मगर आज फिर कह रहा हूं कि मैं देश नहीं झूकने दूंगा। पीएम मोदी ने रैली को संबोधित करते हुए फिर से कविता सुनाई और कहा-

सौगंध मुझे है इस मिट्टी की, मैं देश नहीं मिटने दूंगा
मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा।
मेरा वचन है भारत मां को, तेरा शीष झुकने नहीं दूंगा
जाग रहा है देश मेरा, हर भारतवासी जीतेगा
सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं मिटने दूंगा


उन्होंने हालांकि हमले का सीधा जिक्र नहीं किया और न कोई ब्योरा दिया। ठोस खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का ब्योरा देते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ठोस खुफिया जानकारी मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद पुलवामा हमले के बाद भारत में अन्य आत्मघाती हमलों की साजिश रच रहा है।बारह दिन पहले पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

गोखले नेअपने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'ठोस खुफिया सूचना मिली थी कि जैश-ए-मोहम्मद देश के विभिन्न हिस्सों में अन्य आत्मघाती हमले की साजिश रच रहा है और इस उद्देश्य के लिए फिदायीन जिहादी तैयार किए जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि इसलिए यह हमला अत्यंत आवश्यक हो गया था।

भारतीय वायु सेना के सूत्रों के अनुसार, 26 फरवरी को सुबह साढ़े 3 बजे 12 मिराज 2000 भारतीय लड़ाकू जेट विमानों ने एलओसी के पार जाकर आतंकवादी शिविरों पर हमले किए हैं और इन्हें पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। आतंकी ठिकानों पर 1000 किलोग्राम बम गिराए गए। 12 मिराज 2000 जेट विमानों ने इस ऑपरेशन में हिस्सा लिया। सूत्रों की मानें तो भारतीय वायुसेना ने करीब 21 मिनट तक हमले को अंजाम दिया। भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद में 3:48 से 3:55 बजे, चकोटी में 3:58 से 4:04 बजे तक और बालाकोट में 3:45 से 3:53 बजे तक हमले को अंजाम दिया।

सरकारी सूत्रों ने जानकारी दी है कि जब भारतीय वायुसेना के युद्धक विमान तड़के पाकिस्तान की जमीन पर मौजूद जैश ए मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहे थे उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर जगकर पूरी अभियान पर नजर रखे हुए थे और तभी आराम करने गए जब सभी लड़ाकू विमान और पायलट सुरक्षित लौट आए। सूत्र ने बताया कि एक बार जब अभियान खत्म हो गया तब उन्होंने अधिकारियों से इस हवाई हमले में शामिल सभी पायलटों की कुशलता की जानकारी ली। जब यह स्पष्ट हो गया कि सभी सुरक्षित हैं तब प्रधानमंत्री वहां से अलग हुए और दूसरे मामलों पर अपना ध्यान लगाया क्योंकि प्रधानमंत्री आवास पर सुबह 10 बजे मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों की समिति की बैठक समेत उनका दिन भर का व्यस्त कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था।