पुलवामा (Pulwama) के पिंगलाना में 18 घंटे तक आतंकियों के खिलाफ चले ऑपरेशन में तीन आतंकियों को ढेर किया गया। इस मुठभेड़ में एक मेजर समेत सेना के पांच जवान शहीद हो गए। इस मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई। यह मुठभेड़ उस जगह से कुछ ही दूरी पर हुई , जहां तीन दिन पहले 14 फरवरी को सीआरपीएफ की एक बस पर आत्मघाती हमला हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिले के पिंगलान इलाके में हुई मुठभेड़ में एक आम नागरिक की भी मौत हो गई।एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों को 14 फरवरी को हुए आतंकवादी हमले के स्थल से करीब 10 किलोमीटर दूर एक इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षा बलों ने रात में इलाके की घेराबंदी की और तलाश अभियान शुरू किया। अधिकारियों ने बताया कि तलाश अभियान के दौरान आतंकवादियों ने बलों पर गोलीबारी की जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में जो जवान शहीद हुए हैं वह 55 राष्ट्रीय राइफल के हैं। शहीद होने वालों में मेजर वीएस ढौंडियाल, हवलदार श्योराम, सिपाही अजय कुमार और सिपाही हरि सिंह शामिल हैं। इस मुठभेड़ में मारे गए जैश आतंकवादियों में 14 फरवरी को सीआरपीएफ काफिले पर हुए आत्मघाती हमले से जुड़ा भी एक आतंकवादी शामिल था। जो इस आतंकी समूह का पाकिस्तानी कमांडर था। मारे एक आतंकी की पहचान पुलवामा कार अटैक के मास्टरमाइंड कामरान गाजी के रूप में हुई है। दूसरा आतंकी हिलाल अहमद स्थानीय नागरिक था, जो जैश से जुड़ा हुआ था। वहीं तीसरे आतंकी की पहचान अब्दुल रशीद गाजी के रूप में हुई है।
जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग देता था गाज़ीअब्दुल रशीद गाजी पुलवामा आतंकी हमले में आदिल का हैंडलर था। अब्दुल रशीद गाजी मसूद अज़हर का सबसे भरोसेमंद साथी था, जो हथियारों और विस्फोटकों खास तौर पर आईईडी का एक्सपर्ट था। माना जाता है कि गाज़ी अफगानिस्तान में आतंकी गतिविधियों को चलाने में शामिल रहा था। जहां वो जैश के आतंकियों को ट्रेनिंग दिया करता था।
पुलवामा में आदिल के संपर्क में आया था गाज़ीखुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 9 दिसंबर को गाज़ी अपने दो आतंकी साथियों के साथ कश्मीर में दाखिल होने में कामयाब हो गया था। बताया जा रहा है कि गाज़ी अफगानिस्तान में अमेरिका और नॉटो फोर्स के खिलाफ लड़ता रहा था। सूत्रों के मुताबिक सरहद पार से कश्मीर में घुसते ही ग़ाज़ी ने पुलवामा को ही अपना ठिकाना बनाया था और इसी पुलवामा में आदिल अहमद डार उसके संपर्क में आया था।
आदिल को कार बॉम्ब की पूरी ट्रेनिंग गाज़ी ने ही दी थीसुरक्षा एजेंसियों की माने तो आदिल डार को कार बॉम्ब की पूरी ट्रेनिंग गाज़ी ने ही दी। सूत्रों की मानें तो अब्दुल रशीद गाजी ने ही सेना की नज़र में सी ग्रेड के आतंकी आदिल अहमद डार को कार बम धमाके की ट्रेनिंग दी थी और इतने खतरनाक तरीके से तैयार किया की डार ए ग्रेड के आतंकियों से चार कदम आगे बढ़कर उरी से भी बड़े हमले को अंजाम दे गया।