प्रियंका गांधी ने कहा - पहलू खान की हत्‍या जघन्‍य अपराध, कोर्ट का फैसला चौंकाने वाला, उम्मीद है राजस्थान सरकार न्याय दिलाएगी

राजस्थान में 2 साल पहले गो तस्करी के शक में हुई पहलू खान की हत्या मामले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले को चौकाने वाला बताते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। भीड़ द्वारा हत्‍या करना एक जघन्‍य अपराध है। उन्होंने राजस्थान की गहलोत सरकार से कहा है कि उम्मीद है कि वह कोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेगी।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, 'पहलू खान मामले में लोअर कोर्ट का फैसला चौंका देने वाला है। हमारे देश में अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए और भीड़ द्वारा हत्या एक जघन्य अपराध है।'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, 'राजस्थान सरकार द्वारा भीड़ द्वारा हत्या के खिलाफ कानून बनाने की पहल सराहनीय है। आशा है कि पहलू खान मामले में न्याय दिलाकर इसका अच्छा उदाहरण पेश किया जाएगा।'

इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कहा था कि मॉब लिंचिंग (भीड़ हत्या) मानवता पर कलंक है। भीड़ द्वारा किसी की जान ले लेने से पीड़ित परिवार पर क्या गुजरती होगी, इसका दर्द हम सब महसूस कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है। हमारा कोई नागरिक मॉब लिंचिंग का शिकार न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसके लिए हमारी सरकार एक सख्त कानून लेकर आई है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार इस मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देगी।

अलवर की एक अदालत ने अप्रैल 2017 के बहुचर्चित पहलू खान भीड़ हत्या (मॉब लिंचिंग) मामले में सभी छह आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया था। यह फैसला जस्टिस डॉ सरिता स्वामी ने सुनाया। सरकारी वकील योगेंद्र सिंह खटाणा ने अलवर के अतिरिक्त सत्र न्यायालय (संख्या एक) के बाहर संवाददाताओं को बताया, 'अदालत ने छह आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है।'

यह घटना दो साल पहले की है, जब खान एक अप्रैल 2017 को जयपुर से दो गाय खरीद कर जा रहा था तभी बहरोड़ में भीड़ ने गो तस्करी के शक में उन्हें रोक लिया। खान और उसके दो बेटों की भीड़ ने कथित तौर पर पिटाई की। इसके बाद, तीन अप्रैल को ईलाज के दौरान अस्पताल में खान की मौत हो गयी। इस घटना के बाद दो बाल अपराधियों सहित कुल 9 को आरोपी बनाया गया था। न्यायालय में अभियोजन पक्ष से 44 लोगों के बयान करवाए गए। तीन अन्य नाबालिग अपराधियों का मामला किशोर न्यायालय में चल रहा है। पुलिस ने कोर्ट में जो वीडियो पेश किया, उसे कोर्ट ने पुख्ता सबूत नहीं माना। कोर्ट ने विपिन यादव, रविंद्र कुमार, कालूराम, दयानंद, भीम राठी और योगेश को बरी कर दिया है।