प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के स्मारक का उद्घाटन किया। मोदी ने इस दौरान कला प्रदर्शनी बस 'कलाम संदेश वाहिनी' को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो विभिन्न राज्यों की यात्रा कर पूर्व राष्ट्रपति की 86वीं जयंती 15 अक्टूबर को राष्ट्रपति भवन पहुंचेगी।
पेइ करुम्बू में बना यह स्मारक रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा लगभग 16 करोड़ रुपये के खर्च से एक साल में तैयार किया गया है। मोदी ने फीटा काटने और स्मारक में प्रवेश करने से पहले यहां पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। मोदी ने इस स्मारक के चारों ओर चक्कर भी लगाया, जिसकी वास्तुकला के लिए कई राष्ट्रीय स्थलों से प्रेरणा ली गई है।
इस स्मारक का प्रवेशद्वार इंडिया गेट के समान दिखता है, जबकि दो गुंबद राष्ट्रपति भवन की तर्ज पर बनाए गए हैं। इस इमारक का हॉल-1 कलाम के बचपन और शैक्षिक अवधि पर केंद्रित है, हॉल-2 संसद और संयुक्त राष्ट्र के संबोधन सहित उनके राष्ट्रपति रहने के दिनों पर केंद्रित है, हॉल-3 उनके इस्त्रो और डीआरडीओ के दिनों और हॉल-4 कलाम के शिलांग में बिताए गए अंतिम पलों पर केंद्रित है।
कलाम के कुछ सामानों की प्रदर्शनी के लिए एक अलग सेक्शन बनाया गया है, जहां उनकी प्रसिद्ध रुद्र वीणा, जी-सूट जो उन्होंने सू-30 एमकेआई उड़ान के दौरान पहना था और उनके कई पुरस्कार को रखा गया है।
इमारत की बारह दीवारों पर चित्र उकेरे गए हैं। इमारत में कलाम के शांत और सौहार्दपूर्व व्यक्तित्व के पहलू को पूरे बड़ी खूबसूरती से प्रतिबिंबित किया गया है। इस स्मारक निर्माण सामग्री और अन्य सामान भारत के कई हिस्सों से रामेश्वरम लाए गए थे। इमारत के प्रवेश पर लगे दरवाजे तंजौर से लाए गए थे।
वहीं, अपनी इस यात्रा के तहत मोदी पहले मदुरई पहुंचे जहां राज्यपाल सी. विद्यासागर राव, मुख्यमंत्री के.पलनीस्वामी और अन्य स्वागत करने के लिए मौजूद थे। मदुरई से वह रामेश्वरम पहुंचे।