अभिभाषण के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया CAA का जिक्र, सांसदों ने जमकर थपथपाई मेजें, फिर हुआ हंगामा

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बजट सत्र से पहले संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन ऐक्ट (CAA) का जिक्र किया तो सत्ता पक्ष के सांसदों ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जमकर मेजें थपथपाईं। इस दौरान, करीब एक मिनट तक तालियां बजती रहीं। इस दौरान कोविंद ने नागरिकता कानून को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि इस तरह से महात्मा गांधी के सपनों को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि माननीय सदस्यगण भारत ने हमेशा सर्वपंथ विचारधारा में यकीन किया है। लेकिन भारत विभाजन के समय भारतवासियों और उनके विश्वास पर प्रहार किया गया। विभाजन के बाद बने माहौल में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था कि पाकिस्तान के हिंदू और सिख, जो वहां नहीं रहना चाहते, वो भारत आ सकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अभिभाषण की इन बातों का समर्थन करते हुए करीब एक मिनट तक मेज थपथपाई। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में कहा, 'पूज्य बापू और समय-समय पर अनेक नेताओं और राजनीतिक दलों ने भी इसे बढ़ाया। मुझे खुशी है कि CAA बनाकर उनकी इच्छी को पूरा किया गया।'

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि इन लोगों को सामान्य जीवन मुहैया कराना भारत सरकार का कर्तव्य है। पूज्य बापू के इस विचार का समर्थन करते हुए समय-समय पर अनेक राष्ट्रीय नेताओं और राजनीतिक दलों ने इसे आगे बढ़ाया। हमारे राष्ट्र निर्माताओं के उस इच्छा का सम्मान करना हमारा दायित्व है। मुझे प्रसन्नता है कि संसद के दोनों सदनों द्वारा नागरिकता कानून बनकर महापुरुषों की इच्छा को सम्मान दिया गया।

एक बार फिर से सेंट्रल भवन में सांसदों ने मेज थपथपाना शुरू कर दिया। उसके बाद राष्ट्रपति ने एक बार फिर से बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा विशेषकर ऐसे समय में। लेकिन मेज थपथपाने की आवाज गूंजती रही। उन्होंने कहा कि विशेषकर ऐसे समय में जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मना रहा हो।। इसी बीच विपक्षी दलों के सांसदों ने इसका विरोध भी किया और राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान व्यवधान भी पड़ा। विपक्षी दल शेम-शेम कहते हुए कुछ देर तक CAA का विरोध करते रहे।

लेकिन विरोध के बावजूद राष्ट्रपति रुके नहीं। उन्होंने कहा कि विशेषकर जब देश में महात्मा गांधी की जयंती का पर्व मनाया जा रहा हो उसी समय में सांसदों द्वारा इसे पास करवाना बेहद खास है। मैं संसद के दोनों सदनों का और सभी सांसदों का अभिनंदन करता हूं। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसद लगातार हंगामा करते रहे।

राष्ट्रपति ने उनके विरोध को पूरी तरह अनदेखा करते हुए अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा माननीय सदस्य गण, हम सभी... इसी बीच सांसदों की आवाज और तेज हुई... राष्ट्रपति 5 सेकेंड्स के लिए रुके लेकिन फिर बोलने लगे। इस दौरान उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू समुदाय के लोगों पर हो रहे उत्पीड़न का मामला उठाया।

राष्ट्रपति ने कहा कि हाल ही में ननकाना साहिब में जो कुछ हुआ उसे सभी ने देखा है। हम सभी का यह भी दायित्व है कि पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से पूरा विस्व परिचित हो। मैं पाकिस्तान में हो रहे अल्पसंख्यकों में हो रहे अत्याचार की निंदा करता हूं और विश्व समुदाय से इसे संज्ञान में लेने और इस दिशा में आवश्यक क़दम उठाने का आग्रह करता हूं।